हरियाणा कांग्रेस में मचा घमासान: निकाय चुनाव को लेकर जारी सूचियों पर सांसद वरुण चौधरी ने उठाए सवाल

Haryana Politics: हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा तैयार की गई सूची को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। अंबाला के सांसद वरुण चौधरी ने निकाय चुनाव को लेकर जारी चार सूचियों पर सवाल खड़े किए हैं। ...


Haryana Politics: हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया द्वारा तैयार की गई सूची को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। अंबाला के सांसद वरुण चौधरी ने निकाय चुनाव को लेकर जारी चार सूचियों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को नसीहत देते हुए संगठन को मजबूत करने की जरूरत बताई है।

वरुण चौधरी ने क्या कहा?

सांसद वरुण चौधरी ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को पत्र लिखते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले विधायक दल का नेता चुनने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी को कांग्रेस द्वारा जारी की गई चार सूचियों की जगह संगठन को ब्लॉक स्तर तक मजबूत करने की आवश्यकता थी।

उन्होंने यह भी कहा कि जो नाम सूचियों में शामिल किए गए हैं, उनमें से कई ग्राउंड लेवल पर सक्रिय नहीं हैं, जबकि कुछ नेता तो कांग्रेस उम्मीदवार के सामने ही चुनाव लड़ चुके हैं।

कांग्रेस ने निकाय चुनाव के लिए जारी की थीं सूचियां

कांग्रेस ने हाल ही में निकाय चुनाव के लिए जिला प्रभारी, कन्वीनर, नॉर्थ जोन और साउथ जोन मेंबरों की सूचियां जारी की थीं। इस पर पार्टी के अंदर ही असंतोष सामने आने लगा है।

वरुण चौधरी का राजनीतिक सफर

अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी पेशे से वकील हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रतन लाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को 49,036 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। उन्हें कुल 6,63,657 वोट मिले थे, जबकि बंतो कटारिया को 6,14,621 वोट मिले।

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें मुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया था, जहां उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया था।

हरियाणा कांग्रेस में संगठन का अभाव बना चिंता का विषय

हरियाणा में पिछले 10 साल से कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा नहीं बना है। इस दौरान दो प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि मौजूदा अध्यक्ष चौधरी उदयभान को पद संभाले पौने तीन साल हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने भी प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर ही जिम्मेदारी डाल दी थी।

कांग्रेस विधायकों की चिंता: संगठन न होना खतरनाक

थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि संगठन का अभाव कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ा था। अब पार्टी निकाय चुनाव में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती और संगठन को लेकर गंभीर होती दिख रही है।

हरियाणा कांग्रेस में जारी सूचियों को लेकर असंतोष सामने आ रहा है। सांसद वरुण चौधरी ने संगठन निर्माण पर जोर देते हुए पार्टी की मौजूदा रणनीति पर सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस आंतरिक कलह को कैसे संभालती है और निकाय चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाती है।

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