Haryana News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया है। रविवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में हुड्डा ने कहा कि चपरासी की नौकरी के लिए बीए, बीएड और एमए पास युवा आवेदन करने को मजबूर हैं, जबकि माली और चौकीदार बनने के लिए भी उच्च शिक्षित युवा कतार में खड़े हैं। इतना ही नहीं, युद्धग्रस्त इजरायल में मजदूरी करने के लिए हरियाणा के युवाओं की भीड़ उमड़ रही है। यह स्थिति अब प्रदेश में आम हो गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भीषण बेरोजगारी के चलते युवा छोटी-मोटी नौकरियों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
हुड्डा ने झज्जर में चपरासी के 13 पदों पर भर्ती के लिए 7,616 आवेदनों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें ज्यादातर आवेदक उच्च शिक्षित थे। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी, अपराध, नशे और विदेश पलायन की ओर धकेला जा रहा है। वहीं, सिरसा कोर्ट में चपरासी और चौकीदार के 13 पदों के लिए 5,700 युवाओं ने आवेदन किया, जिनमें बीए, बीटेक, बीकॉम, बी फार्मेसी, बीसीए, एमए, एमबीए, एमएससी, एमकॉम, एमसीए और एमफिल डिग्रीधारी युवा शामिल थे।
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में सरकारी विभागों में दो लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार बेरोजगार युवाओं को स्थायी नौकरियां देने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2013-14 में हरियाणा में बेरोजगारी दर मात्र 2.9 प्रतिशत थी, जबकि भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह बढ़कर 9.0 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि एक समय था जब प्रदेश में सरकारी नौकरियों की तैयारियों के लिए गली-मोहल्लों में कोचिंग सेंटर खुलते थे, लेकिन अब इमिग्रेशन एजेंसियों के दफ्तर हर जगह नजर आ रहे हैं। प्रदेश के युवा रोजगार की तलाश में या तो राज्य छोड़ रहे हैं या देश छोड़कर विदेश जाने को मजबूर हैं।