चंडीगढ़: होली से पहले हरियाणा में भगवा लहर ने निकाय चुनावों में जबरदस्त जीत दर्ज की है। बीजेपी ने अपने शानदार प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए 10 नगर निगमों में से 9 पर जीत हासिल की, जबकि एक नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी। वहीं, कांग्रेस के लिए यह चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा, क्योंकि उसे एक भी सीट नहीं मिली और उसका खाता भी नहीं खुल सका।
बीजेपी का जबरदस्त प्रदर्शन, कांग्रेस पूरी तरह फेल
हरियाणा में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद निकाय चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन किया। प्रदेश में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। 10 नगर निगमों में कांग्रेस का एक भी मेयर प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सका। रोहतक, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है, वहां भी कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इसी तरह, कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा के प्रभाव वाले सिरसा नगर परिषद में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की।
बीजेपी का कांग्रेस पर तंज: “हरियाणा वालों, जीरो चेक कर लो…”
हरियाणा बीजेपी ने निकाय चुनावों में कांग्रेस की हार पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट किया – “हरियाणा वालों, जीरो चेक कर लो…” यह संदेश कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है।
10 में से 9 नगर निगमों में बीजेपी की जीत
हरियाणा के गुरुग्राम, यमुनानगर, पानीपत, फरीदाबाद, अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार और रोहतक नगर निगमों में बीजेपी ने मेयर पद पर जीत दर्ज की। वहीं, मानेसर नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव ने बीजेपी उम्मीदवार सुंदर लाल को हराकर मेयर पद हासिल किया।
सीएम नायब सिंह सैनी ने मनाया जीत का जश्न
हरियाणा निकाय चुनावों में मिली शानदार जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर जश्न मनाया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के साथ ढोल-नगाड़ों की धुन पर जीत का उत्सव मनाया और लड्डू बांटे।
मुख्यमंत्री सैनी ने इस जीत को जनता के विश्वास की मुहर बताया और कहा, “ट्रिपल इंजन की सरकार के तहत अब हरियाणा में विकास की रफ्तार और तेज होगी। जनता ने बीजेपी की नीतियों पर भरोसा जताया है।”
क्या संकेत दे रहे हैं ये चुनाव परिणाम?
हरियाणा में निकाय चुनावों के नतीजे 2024 के लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकते हैं। बीजेपी की यह प्रचंड जीत साबित करती है कि प्रदेश में पार्टी का जनाधार मजबूत बना हुआ है, जबकि कांग्रेस की अंदरूनी कलह और रणनीतिक विफलताएं उसके लिए भारी पड़ रही हैं।
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