Haryana: हरियाणा के झज्जर जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई।
बैठक में डीसी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनियों को किसी भी सूरत में पनपने ना दिया जाए और सूचना मिलते ही तुरंत एक्शन लेते हुए निर्माण ध्वस्त किया जाए। विभाग को निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए।
डीसी प्रदीप दहिया ने बैठक के दौरान कहा कि अवैध कॉलोनियों से सरकार को न केवल राजस्व का भारी नुकसान होता है, बल्कि इससे शहर की योजनाबद्ध विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है।
आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
डीटीपी मनीष दहिया ने बैठक में उपायुक्त के समक्ष जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष जनवरी और फरवरी माह में अवैध कॉलोनी निर्माण के 16 मामलों में कार्रवाई की गई करते हुए उन्हें ध्वस्त किया गया।
इनमें से 15 मामलों में अवैध निर्माण दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई, जिसे फिर से ध्वस्त किया गया। इसके अलावा, 8 मामलों में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है, ताकि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
मीटिंग में एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम झज्जर रविंद्र यादव, तहसीलदार मातनहेल जयवीर, तहसीलदार बहादुरगढ़ जगदीश चंद, नायब तहसीलदार झज्जर कीर्ति, ईओ नगर परिषद बहादुरगढ़ संजय रोहिल्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
कानून के अनुसार मिलेगा कॉलोनियों को लाइसेंस
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी नई कॉलोनी के निर्माण के लिए सरकार द्वारा तय नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि कॉलोनाइजरों को नियमानुसार लाइसेंस दिया जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि अनियोजित विकास से अवैध नागरिकों को पेयजल, जल निकासी, सीवरेज, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं देना प्रशासन के लिए मुश्किल कार्य हो जाता है। इस लिए नागरिकों को अवैध क्षेत्रों में प्रोपर्टी की खरीद-फरोख्त करने से बचना चाहिए।
अवैध कॉलोनियों में ना खरीदें प्रोपर्टी
प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों में प्लॉट या मकान खरीदने से बचें, क्योंकि इससे भविष्य में कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन ने कहा है कि नागरिक किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद से पहले यह सुनिश्चित करें कि संबंधित कॉलोनी सरकार द्वारा स्वीकृत है या नहीं।