CAG रिपोर्ट में हरियाणा सरकार को ₹1,103.94 करोड़ के राजस्व नुकसान का खुलासा, Excise Duty में ₹35.45 करोड़ की गड़बड़ियां

चंडीगढ़। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने हरियाणा में ₹1,103.94 करोड़ के राजस्व नुकसान का खुलासा किया है। यह नुकसान विक्रय कर (Sales Tax), वैल्यू ऐडेड टैक्स (VAT), उत्पाद शुल्क (Excise Duty), स्टांप शुल्क (Stamp Duty) और पंजीकरण शुल्क (Registration Fees) से ...

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चंडीगढ़। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने हरियाणा में ₹1,103.94 करोड़ के राजस्व नुकसान का खुलासा किया है। यह नुकसान विक्रय कर (Sales Tax), वैल्यू ऐडेड टैक्स (VAT), उत्पाद शुल्क (Excise Duty), स्टांप शुल्क (Stamp Duty) और पंजीकरण शुल्क (Registration Fees) से संबंधित 2,552 मामलों में पाया गया है।

हरियाणा विधानसभा में पेश इस रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 के दौरान किए गए रिकॉर्ड के परीक्षण में ये अनियमितताएं सामने आईं। संबंधित विभागों ने ₹643.07 करोड़ की कर निर्धारण की गलतियों और अन्य कमियों को स्वीकार किया, जिनमें से सिर्फ ₹3.52 करोड़ की वसूली 64 मामलों में हुई। खास बात यह है कि इनमें से ₹3.35 करोड़ की वसूली 39 मामलों में पुराने वर्षों से संबंधित थी।

GST और VAT में भारी अनियमितताएं

CAG की रिपोर्ट के अनुसार, विक्रय कर और VAT से जुड़े 86,191 मामलों में से 28,627 मामलों का ऑडिट किया गया, जिसमें ₹1,008.36 करोड़ की गड़बड़ियां 578 मामलों में पाई गईं।

  • GST भुगतान और रिटर्न फाइलिंग में लापरवाही से ₹678.22 करोड़ का नुकसान
  • गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों के कारण ₹211.45 करोड़ का अतिरिक्त क्रेडिट मिला

उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में ₹35.45 करोड़ की गड़बड़ियां

CAG ने 24 में से 106 इकाइयों की जांच की, जिसमें ₹35.45 करोड़ की वसूली नहीं हुई या कम हुई।
इसके अलावा, अवैध शराब और लाइसेंस शुल्क से जुड़ी पेनल्टी की वसूली नहीं होने से सरकार को ₹7.46 करोड़ का नुकसान हुआ।

विशेष मामला: शौकीन वाइन (M/s Shokeen Wines)

CAG ने एक मामले का जिक्र किया, जिसमें शौकीन वाइन पर 2020-21 में ₹5.99 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि, सिर्फ ₹1.02 करोड़ सुरक्षा जमा से वसूल किया गया, जबकि ₹4.97 करोड़ बकाया रह गया।

स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में ₹60.13 करोड़ की गड़बड़ियां

राजस्व विभाग (Revenue Department) के ऑडिट में पाया गया कि 2020-21 के दौरान 1,308 मामलों में ₹60.13 करोड़ की अनियमितताएं हुईं।

वित्त विभाग की खामियां और IFMS प्रणाली की आलोचना

CAG ने वित्त विभाग (Finance Department) को भी आड़े हाथों लिया और निम्नलिखित लापरवाहियों की ओर इशारा किया:
✔ ग्रेच्युटी (Gratuity) के अधिक भुगतान
✔ पेंशन और यात्रा भत्ते (TA) का दोहरी निकासी (Double Drawal)

इसके अलावा, रिपोर्ट में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (IFMS) के क्रियान्वयन की भी कड़ी आलोचना की गई। रिपोर्ट के अनुसार:

  • 8 साल बाद भी IT सिस्टम की सफलता मापने के लिए कोई मानक तय नहीं किए गए
  •  प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए बिलों को गलत तरीके से प्रोसेस किया गया
  • यूनीक कोड ऑफ पेयी (UCP) जनरेट करने में इनपुट कंट्रोल की कमी के कारण गलत PAN नंबर स्वीकार कर लिए गए, जिससे UCP की विशिष्टता प्रभावित हुई

सरकार पर सवाल, सुधार की जरूरत

CAG की इस रिपोर्ट से हरियाणा में कर प्रणाली और वित्तीय प्रशासन की बड़ी खामियां उजागर हुई हैं। विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी कर ली है, जबकि सरकार पर GST, एक्साइज, स्टांप ड्यूटी और सरकारी खर्चों में पारदर्शिता लाने का दबाव बढ़ गया है।

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