Haryana News: फैक्ट्री के केमिकल पानी से 35 भैंसों की मौत, पशुपालकों को लाखों का नुकसान

 
Haryana News: फैक्ट्री के केमिकल पानी से 35 भैंसों की मौत, पशुपालकों को लाखों का नुकसान

करनाल: हरियाणा के करनाल जILE के मेरठ रोड पर नगला चौक के पास एक दुखद घटना ने क्षेत्र में सनसनी मचा दी। पंजाब के पशुपालकों की करीब 35 भैंसें फैक्ट्री से निकले केमिकल युक्त पानी पीने के कारण मर गईं। यह घटना तब हुई, जब पशुपालक अपनी 70 भैंसों को यमुना की ओर ले जा रहे थे। इस हादसे से पशुपालकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और फैक्ट्री मालिक के फरार होने की खबर है।

क्या हुआ था घटनास्थल पर?

पशुपालकों ने बताया कि वे कई महीनों से अपनी 70 भैंसों के साथ सफर कर रहे थे। सोमवार को वे करनाल के मेरठ रोड पर नगला चौक के पास रुके, जहां खाली जमीन पर घास चराने के लिए भैंसों को छोड़ा गया। इसी दौरान वहां फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी जमा था, जिसे भैंसों ने प्यास के कारण पी लिया। पानी पीते ही भैंसें बेकाबू हो गईं, उनके मुंह से झाग निकलने लगा, और कुछ ही मिनटों में एक के बाद एक 35 भैंसें गिरकर मर गईं। कुछ भैंसें खेतों में, तो कुछ सड़क किनारे मृत पाई गईं।

पशुपालक आलम दीन और आशु ने बताया, "हम कुछ समझ पाते, इससे पहले ही भैंसें तड़पने लगीं। आसपास के लोगों ने बताया कि चार महीने पहले भी इस जगह 21 भेड़ें इसी तरह केमिकल पानी पीने से मर चुकी थीं।" उन्होंने फैक्ट्री मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मालिक घटना के बाद ताला लगाकर फरार हो गया।

पुलिस और पशु चिकित्सकों की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पशु चिकित्सकों और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पशु चिकित्सकों ने एक भैंस के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है, ताकि मौत के सटीक कारणों का पता चल सके। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में फैक्ट्री से निकले जहरीले पानी को मौत का कारण माना जा रहा है।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में केमिकल युक्त पानी से पशुओं की मौत हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, 26 दिसंबर 2024 को भी नगला मेघा गांव में फैक्ट्री के पानी से 21 भेड़ों की मौत हो गई थी। उस समय फैक्ट्री मालिक ने मुआवजा देकर मामला शांत कर लिया था। इस बार पशुपालकों ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

पशुपालकों की मांग: सख्त कार्रवाई

पशुपालकों का कहना है कि उनकी आजीविका भैंसों पर निर्भर थी, और इस हादसे ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया। उन्होंने प्रशासन से मुआवजे और फैक्ट्री मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।