Union Budget 2025-26: हरियाणा को नहीं मिला कोई बड़ा प्रोजेक्ट, डबल इंजन की सरकार में उम्मीदें धरी की धरी
चंडीगढ़ | अक्टूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों के बाद, राज्य को केंद्रीय बजट 2025 से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणद्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 में हरियाणा को कोई बड़ी परियोजना आवंटित नहीं की गई, जिससे राज्य की उम्मीदें अधूरी रह गईं।
किसानों को बढ़े हुए ऋण सीमा का लाभ
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के विकास को गति देगा। उन्होंने कहा कि:
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा बढ़ाई गई है।
धन-धान्य कृषि योजना के तहत कम कृषि उत्पादकता वाले 100 जिलों को प्राथमिकता दी गई है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए ऋण गारंटी कवर को बढ़ाया गया है।
महिला उद्यमियों और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में यह बजट एक ऐतिहासिक कदम है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों को ऐतिहासिक बताया।
युवाओं और किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं - हुड्डा
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बजट को पूरी तरह असफल करार दिया। उन्होंने कहा कि:
युवाओं के लिए रोजगार का कोई रोडमैप नहीं।
किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कोई गारंटी नहीं।
मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं।
यह बजट आम जनता की जरूरतों को पूरा करने में विफल रहा।
दूसरे साल भी हरियाणा को नहीं मिला कोई विशेष प्रोजेक्ट
यह लगातार दूसरा वर्ष है जब हरियाणा को कोई बड़ा केंद्र प्रोजेक्ट या विशेष योजना नहीं दी गई। यह तब हुआ जब राज्य ने तीसरी बार बीजेपी सरकार को सत्ता में लाने का फैसला किया था।
BJP नेताओं ने इस आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि योजनाएं किसी क्षेत्रीय पक्षपात के आधार पर नहीं, बल्कि जरूरत के हिसाब से बनाई जाती हैं।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा:
"किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों के लिए लाई गई कोई भी योजना हरियाणा को भी स्वाभाविक रूप से लाभान्वित करेगी। यह कहना गलत होगा कि हरियाणा की अनदेखी की गई है, विशेष रूप से जब बजट का मुख्य फोकस किसान कल्याण पर है।"
उन्होंने यह भी कहा कि आयकर में छूट से हरियाणा के कामकाजी वर्ग को लाभ मिलेगा।
हरियाणा की बड़ी मांगें अनसुनी, राज्य सरकार और उद्योग जगत में नाराजगी
बजट पूर्व बैठक में, हरियाणा सरकार ने कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष अनुदान मांगा था, जिनमें शामिल थे:
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर
दिल्ली-पानीपत फास्ट रेल कॉरिडोर
महेंद्रगढ़ (एनसीआर) में मल्टी-लॉजिस्टिक्स हब
हालांकि, बजट 2025 में इन योजनाओं का कोई उल्लेख नहीं किया गया, जिससे राज्य सरकार और उद्योग जगत में निराशा देखी जा रही है।
हरियाणा को इस बार भी कोई बड़ा केंद्र प्रोजेक्ट नहीं मिला, जिससे राज्य की उम्मीदों को झटका लगा है। हालांकि, कृषि क्षेत्र और MSMEs के लिए कुछ घोषणाएं की गई हैं, लेकिन रोजगार और बुनियादी ढांचे से जुड़ी प्रमुख मांगों को नजरअंदाज किया गया है। इससे हरियाणा के राजनीतिक और औद्योगिक क्षेत्र में असंतोष साफ झलक रहा है।