हरियाणा के 80 वर्षीय बाल मुकंद शर्मा ने कैंसर को दी मात, पीजीआईएमएस में हुए सम्मानित
रोहतक: रोहतक जिले के आनवाल गांव निवासी 80 वर्षीय बाल मुकंद शर्मा को करीब दो साल पहले फेफड़ों के कैंसर का पता चला था। उनका इलाज स्थानीय पीजीआईएमएस में चल रहा है, जहां अब तक वे 24 कीमोथेरेपी सत्र पूरे कर चुके हैं और उनकी सेहत में सुधार देखा गया है।
मंगलवार को, शर्मा अपनी गाड़ी चलाकर पीजीआईएमएस पहुंचे, जहां उन्हें विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित एक सम्मान समारोह में आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने उत्साहित होकर कहा, "मैं मोटरसाइकिल भी चला सकता हूं।" पेशे से ट्रक चालक रहे शर्मा ने बताया कि वह पहले बीड़ी पिया करते थे, लेकिन कैंसर के पता चलने के बाद उन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया।
हार्ट अटैक और कोविड से भी उबर चुके हैं शर्मा
उन्होंने कहा, "कैंसर से पहले मुझे दो बार दिल का दौरा पड़ा था और मैं कोविड से भी संक्रमित हो चुका था। लेकिन डॉक्टरों की बदौलत मैं आज फिर से अपने पैरों पर खड़ा हूं और मुस्कुरा रहा हूं।"
कैंसर से जंग जीतने वाले अन्य योद्धा
झज्जर जिले के हमायूंपुर गांव के 75 वर्षीय धर्मपाल, जो एक छोटे दुकानदार हैं, ने भी कैंसर को मात दी है। वहीं, हिसार जिले के धीरनवास गांव की मात्र पांच महीने की साक्षी जन्म के समय ही कैंसर से पीड़ित थी। साक्षी की मां रेखा ने बताया कि दिसंबर में पीजीआईएमएस में उसकी सर्जरी हुई और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।
शर्मा, धर्मपाल और साक्षी उन 28 कैंसर विजेताओं में शामिल हैं, जिन्हें मंगलवार को पीजीआईएमएस में सम्मानित किया गया। इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जिन्होंने फेफड़े, स्तन, ग्रासनली, गर्भाशय ग्रीवा, मूत्राशय और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर को हराया है।
कैंसर जागरूकता के लिए ब्रांड एंबेसडर बनें मरीज: डॉ. एच.के. अग्रवाल
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच.के. अग्रवाल, जो इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि थे, ने कहा कि कैंसर से जंग जीतने वाले मरीज अब इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ब्रांड एंबेसडर बनें।
पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एस.के. सिंगल ने कहा, "कैंसर एक महामारी की तरह फैल रहा है। धूम्रपान, तंबाकू और गुटखा से दूरी बनाकर हम इसे काफी हद तक रोक सकते हैं।"
फेफड़े एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. ध्रुव चौधरी ने कहा कि फसलों में रासायनिक खादों के बढ़ते उपयोग से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "समय पर बीमारी का पता चल जाए तो कैंसर का पूरी तरह इलाज संभव है।"
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. संजीव प्रसाद ने कहा, "कई कैंसर विजेता 15-20 साल पहले इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं और वे आज भी स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इससे साबित होता है कि कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहकर समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराना चाहिए।"
रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक चौहान ने सभी कैंसर विजेताओं और अन्य उपस्थित लोगों से अपील की कि वे इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाएं और लोगों को शिक्षित करें।
इस अवसर पर डॉ. पुष्पा दहिया, डॉ. संजय मरवाह, डॉ. अलका यादव समेत पीजीआईएमएस के कई वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित थे।