किसान भाई ध्यान दें! हरियाणा में ओलावृष्टि और बारिश से 51,353 किसान प्रभावित, मुआवजे के लिए आज अंतिम तिथि
Haryana News: हरियाणा में पिछले महीने हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 51,353 किसानों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजे के लिए दावा दायर किया है। प्रभावित किसानों की बढ़ती संख्या और खराब मौसम को देखते हुए सरकार ने दावा दायर करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 5 फरवरी कर दी थी।
रबी की फसलों को भारी नुकसान, नौ जिलों के किसानों ने किया दावा
पिछले महीने हुई ओलावृष्टि और बारिश से रबी की फसलों को भारी क्षति पहुंची, जिसके कारण नौ जिलों के किसानों ने अब तक मुआवजे के लिए दावे दर्ज कराए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत पंजीकृत न होने वाले किसानों को राज्य सरकार की नीति के तहत मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, राहत पाने के लिए 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
सबसे ज्यादा नुकसान हिसार और चरखी दादरी में
हरियाणा के 1,756 गांवों में 2,62,886 एकड़ फसल नष्ट हो गई है।
- चरखी दादरी: 168 गांवों के 12,962 किसानों की 63,695 एकड़ फसल प्रभावित।
- हिसार: 249 गांवों के 7,173 किसानों की 43,779 एकड़ फसल नष्ट।
- गुरुग्राम: 162 गांवों के 7,152 किसानों की 32,691 एकड़ फसल प्रभावित।
- रेवाड़ी: 281 गांवों के 6,982 किसानों की 31,040 एकड़ फसल को नुकसान।
महेंद्रगढ़ और झज्जर में भी बड़ा नुकसान
- महेंद्रगढ़: 339 गांवों के 6,800 किसानों की 28,115 एकड़ फसल बर्बाद।
- झज्जर: 220 गांवों के 6,093 किसानों की 32,734 एकड़ फसल प्रभावित।
- फतेहाबाद: 143 गांवों के 2,657 किसानों की 18,359 एकड़ फसल को नुकसान।
- पलवल: 190 गांवों के 1,792 किसानों की 10,188 एकड़ फसल प्रभावित।
- रोहतक: चार गांवों के 314 किसानों की 2,280 एकड़ फसल को नुकसान हुआ।
मुआवजे के लिए आवेदन की आज अंतिम तिथि
कृषि विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुआवजा दायर करने की अंतिम तिथि 5 फरवरी है। सभी जिला उपायुक्तों (DC) को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी पात्र किसान अपना नुकसान तुरंत दर्ज कराएं।
सरकार का उद्देश्य प्रभावित किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे जल्द से जल्द अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।