प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: हिसार के किसानों को फसल बीमा क्लेम पाने में मुश्किलें, 50% किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा
हिसार: हिसार जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की जिला स्तरीय निगरानी समिति (DLMC) की बैठक में बीमा कंपनी को किसानों के लंबित दावों के भुगतान के निर्देश दिए गए।
50% किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा
सूत्रों के अनुसार, कई शिकायतों के आधार पर पता चला कि बीमा कंपनी ने फसल नुकसान झेलने वाले 50% किसानों का भुगतान रोका हुआ था, जबकि वे इस योजना के तहत मुआवजे के पात्र थे।
बैठक में लिए गए अहम फैसले
उपायुक्त अनीश यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में खरीफ 2022 और रबी 2022-23 की फसल बीमा दावों की समीक्षा की गई। चर्चा के बाद उपायुक्त ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि सभी लंबित दावों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए, ताकि किसानों को उनका मुआवजा मिल सके।
बीमा कंपनी के प्रतिनिधि विमल मिश्रा ने समिति को आश्वासन दिया कि सभी दावों का भुगतान कंपनी के नियमों के अनुसार जल्द से जल्द किया जाएगा।
22,213 किसानों ने किया आवेदन, 4,693 मामले लंबित
बैठक के एजेंडे के अनुसार, 22,213 किसानों ने बीमा दावे के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 4,693 मामलों का अभी तक निपटारा नहीं हुआ। चिंता की बात यह रही कि सिर्फ 50% पात्र किसानों को ही मुआवजा मिला।
सरसों फसल के दावों की अस्वीकृति पर पुनर्मूल्यांकन के निर्देश
बैठक में लोहरी राघो गांव में सरसों की फसल को हुए नुकसान के दावों को अस्वीकार करने का मुद्दा भी उठाया गया। बीमा कंपनी द्वारा सर्वेक्षण में देरी के कारण कई नीतियां खारिज कर दी गईं या आंशिक रूप से स्वीकृत की गईं। समिति ने कंपनी को इन दावों का दोबारा आकलन करने और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया।
गांवों में बीमा निपटान में पाई गई अनियमितताएं
समिति ने मसूदपुर, चौधरीवास और सिसाय कलां गांवों में बीमा दावों के निपटान में अनियमितताओं की पहचान की।
- मसूदपुर गांव में 81 में से सिर्फ 17 बीमा नीतियां स्वीकृत हुईं, जबकि सरसों फसल को गंभीर नुकसान की आधिकारिक रिपोर्ट पहले ही दी जा चुकी थी।
- चौधरीवास और सिसाय कलां में भी बीमा दावों को लेकर भारी असमानताएं पाई गईं।
समिति ने बीमा कंपनियों को निष्पक्ष दावों के निपटान के निर्देश दिए।
क्लेरिकल त्रुटियों के कारण 13 किसानों के दावे खारिज
बैठक में यह भी सामने आया कि 13 किसानों के बीमा दावे मात्र प्रशासनिक और दस्तावेजी त्रुटियों की वजह से खारिज कर दिए गए। समिति ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएं।
जिला स्तरीय निगरानी समिति ने बीमा कंपनी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों को उनके हक का पूरा मुआवजा मिले और भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।