हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार: एसीबी की रिपोर्ट के बाद जारी हुए सख्त दिशा-निर्देश
Haryana News: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की एक रिपोर्ट को लेकर अलर्ट हो गया है। रिपोर्ट में जिला स्तर पर की जाने वाली स्थानीय खरीद में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। दवाओं और अन्य वस्तुओं की खरीद में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसके बाद एसीबी ने स्वास्थ्य विभाग को सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह दी है।
डीजी हेल्थ ने जारी किए निर्देश
महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा, डॉ. मनीष बंसल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों (CMO) को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों को एंटी करप्शन ब्यूरो को भी भेजा गया है।
डीजी हेल्थ ने जताई चिंता
डॉ. मनीष बंसल ने अपने पत्र में कहा कि एसीबी की टिप्पणियों के आधार पर यह पाया गया कि विभिन्न जिलों में वस्तुओं और सेवाओं की स्थानीय खरीद में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और अनुपालन संबंधी चिंताएं उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को स्थापित मानदंडों का सख्ती से पालन करने और किसी भी प्रक्रियात्मक अनियमितता को रोकने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के 6 प्रमुख निर्देश
दवाओं की उपलब्धता सूची प्रदर्शित करना:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता की सूची प्रदर्शित की जाएगी, ताकि आम जनता को पता चल सके कि कौन सी दवाएं उपलब्ध हैं।दवाओं की खरीद और खपत का रिकॉर्ड:
जिला अस्पतालों में दवाओं की खरीद और खपत का सटीक रिकॉर्ड बनाया जाएगा। सभी विभागों, जैसे प्रसूति, आपातकालीन और फार्मेसी, द्वारा खपत रजिस्टर बनाए रखना अनिवार्य होगा।ग्राम पंचायत को दवाओं की सूची उपलब्ध कराना:
दवाओं की उपलब्धता की सूची संबंधित ग्राम पंचायत को भी उपलब्ध कराई जाएगी। समय से पहले एक्सपायर होने वाली दवाओं का उचित निपटान किया जाएगा।पंजीकृत फर्म से ही खरीद:
दवाओं और अन्य वस्तुओं की खरीद केवल पंजीकृत फर्मों से की जाएगी। खरीद समिति में डॉक्टर, फार्मेसी अधिकारी और लेखा अधिकारी शामिल होंगे।परिवार की फर्म से खरीद पर रोक:
कर्मचारियों द्वारा अपने परिवार के सदस्यों के नाम से बनाई गई फर्मों से खरीद पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को समिति से बाहर रखना:
जो अधिकारी अगले 6 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें खरीद समिति में शामिल नहीं किया जाएगा।
अनुपालन न करने पर कार्रवाई
डॉ. मनीष बंसल ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।