हरियाणा मंत्रिमंडल ने विलेज कॉमन लैंड अधिनियम में संशोधन को दी मंजूरी, अब कब्जाधारकों को मिलेगा मालिकाना हक
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) एक्ट, 1961 में संशोधन को स्वीकृति दी गई। इस संशोधन के माध्यम से कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य ग्राम पंचायतों के भूमि प्रबंधन से जुड़े मामलों को अधिक स्पष्ट और प्रभावी बनाना है।
संशोधन के मुख्य बिंदु
शामिलात देह की भूमि का पुनः निर्धारण
- पंजाब विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) नियम, 1964 के लागू होने से पहले हरियाणा भूमि उपयोग अधिनियम, 1949 के तहत कलेक्टर द्वारा 20 वर्षों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि को अब शामिलात देह से बाहर कर दिया गया है।
- इस बदलाव के साथ, ऐसी भूमि को पट्टे पर देने से संबंधित प्रावधान को भी हटा दिया गया है।
ग्राम पंचायतों द्वारा भूमि बिक्री का नया नियम
- पहले, ग्राम पंचायतों को 500 वर्ग गज तक की भूमि को बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचने की अनुमति नहीं थी।
- अब इस नियम को संशोधित करते हुए कहा गया है कि ग्राम पंचायतों को बाजार मूल्य से कम पर भूमि बेचने की इजाजत नहीं होगी, जिससे सरकारी भूमि के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा।
अनुमोदन प्रक्रिया में बदलाव
- पहले, ऐसे मामलों में अनुमोदन राज्य सरकार द्वारा दिया जाता था।
- संशोधन के बाद, अब यह अधिकार राज्य सरकार से हटाकर निदेशक पंचायत को सौंप दिया गया है।
संशोधन से होने वाले संभावित प्रभाव
- ग्राम पंचायतों को अधिक स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे, जिससे भूमि से जुड़े विवादों को कम किया जा सकेगा।
- अनुमोदन प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण होने से प्रशासनिक निर्णय तेजी से लिए जा सकेंगे।
- सरकारी जमीन के अनुचित हस्तांतरण और अवैध कब्जों को रोकने में मदद मिलेगी।
हरियाणा सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों से ग्राम पंचायतों के भूमि प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।