भूपिंदर सिंह हुड्डा पर बिरेन्द्र सिंह का तीखा हमला, कांग्रेस को ‘व्यक्ति विशेष’ से मुक्त करने की सलाह, EVM पर कही बड़ी बात
Haryana Political News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह ने कहा कि पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए इसे सिर्फ एक व्यक्ति पर केंद्रित रहने की बजाय जनता की पार्टी बनना होगा।
कांग्रेस की हार का कारण सांगठनिक कमजोरी
द ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में बिरेन्द्र सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की लगातार तीसरी हार के लिए मजबूत सांगठनिक ढांचे की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी का जमीनी ढांचा कमजोर होने के कारण कार्यकर्ता पार्टी से कटा और असमर्पित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा,
"कांग्रेस का मतलब सिर्फ एक व्यक्ति का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। पार्टी अब सिर्फ एक खास व्यक्ति तक सीमित हो गई है। अगर यह जनता की पार्टी होती, तो नतीजे अलग होते।"
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की हार
अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा ने 48 सीटें हासिल कीं। बिरेन्द्र सिंह ने इस हार का मुख्य कारण गुटबाजी और कमजोर नेतृत्व को बताया।
टिकट वितरण में गड़बड़ी
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले टिकट के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे, लेकिन सही संगठनात्मक ढांचा न होने के कारण कई नेता टिकट न मिलने पर बागी हो गए।
उदय भान को इस्तीफा देना चाहिए था
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान पर निशाना साधते हुए बिरेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए था।
हुड्डा पर निशाना
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भूपिंदर सिंह हुड्डा की बात कर रहे हैं, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा,
"हुड्डा पिछले 10-15 सालों से हरियाणा कांग्रेस के नंबर वन नेता रहे हैं, इसमें कोई गलत बात नहीं। लेकिन अगर वही व्यक्ति कांग्रेस को अपने नियंत्रण में रखेगा, तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा को दूसरे नेताओं को नहीं, बल्कि आम जनता को पार्टी में अधिक जगह देनी चाहिए।
ईवीएम पर सवाल, बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
बिरेन्द्र सिंह ने ईवीएम (EVM) की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया के कुछ ही लोकतांत्रिक देश ईवीएम का उपयोग करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका और जर्मनी जैसे देश अभी भी बैलेट पेपर से चुनाव कराते हैं।
"ईवीएम इंसानों द्वारा बनाई गई है, तो इसे इंसान ही हैक कर सकते हैं। लोकतंत्र की मजबूती के लिए बैलेट पेपर से मतदान की अनुमति दी जानी चाहिए।"
बेटे की हार पर प्रतिक्रिया
उनके बेटे बृजेन्द्र सिंह को उचाना कलां सीट से मात्र 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बागियों ने कांग्रेस को ही हराया।
"यह सिर्फ बृजेन्द्र सिंह की हार नहीं, बल्कि पार्टी की 15-20 सीटों की हार थी, जिसका कारण बागी उम्मीदवार बने।"
छोटे दलों को कांग्रेस के साथ आना चाहिए
बिरेन्द्र सिंह ने जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को कमजोर बताते हुए कहा कि इनका क्षेत्रीय प्रभाव खत्म हो चुका है।
"छोटे दलों को कांग्रेस के साथ आना चाहिए ताकि वोटों का विभाजन रोका जा सके। भाजपा छोटे दलों का इस्तेमाल करके बाद में उन्हें छोड़ देती है।"
बिरेन्द्र सिंह ने हरियाणा कांग्रेस के आंतरिक संकट, नेतृत्व की कमजोरी और सांगठनिक ढांचे की कमी को पार्टी की हार का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कांग्रेस को ‘व्यक्ति विशेष’ के प्रभाव से मुक्त करने और छोटे दलों को एक साथ लाने पर जोर दिया, ताकि पार्टी फिर से मजबूत बन सके।