हरियाणा में खाद्य सुरक्षा पर संकट: चार साल में 27% सैंपल हुए फेल, फरीदाबाद में लोग खा रहे सबसे ज्यादा जहरीला खाना!



हरियाणा में खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA), हरियाणा द्वारा चार साल सात महीने के दौरान लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों में से 27% सैंपल फेल पाए गए। यह जानकारी सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत प्राप्त हुई है।

16,144 सैंपल में से 4,398 अमान्य

RTI के अनुसार, 1 जनवरी 2020 से 23 जुलाई 2024 के बीच खाद्य सुरक्षा और मानकों की जांच के लिए कुल 16,144 सैंपल लिए गए। इनमें से 4,398 नमूनों को इंसानों के उपभोग के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया। ये नमूने दूध, डेयरी उत्पाद, अनाज और अनाज-आधारित उत्पाद, फल उत्पाद, मिठास और गेहूं के आटे सहित कई खाद्य सामग्रियों के थे।

जिलेवार खाद्य सैंपल फेल होने की दर

हरियाणा के विभिन्न जिलों में खाद्य नमूनों की जांच के दौरान निम्नलिखित आंकड़े सामने आए:

  • गुरुग्राम: 1,229 सैंपल लिए गए, 342 (28%) फेल
  • फरीदाबाद: 593 सैंपल में से 34% फेल
  • पंचकूला: 18% सैंपल फेल
  • मेवात: 39% नमूने फेल (सबसे ज्यादा)
  • हिसार: 34% से अधिक नमूने फेल
  • यमुनानगर: 10.47% नमूने फेल (सबसे कम)

खाली पड़े हैं सभी 45 खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद

सरकारी सूत्रों के अनुसार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के सभी 45 स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। वर्तमान में सिर्फ़ 10 अधिकारी प्रतिनियुक्ति (deputation) पर विभाग चला रहे हैं।

भर्ती प्रक्रिया अटकी, सरकार ने वापस लिया प्रस्ताव

RTI के माध्यम से सामने आया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने 2022 में 41 खाद्य सुरक्षा अधिकारी (FSO) पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। लेकिन सेवा नियमों में आवश्यक योग्यता को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर होने के बाद दिसंबर 2023 में सरकार ने इन पदों की अधिसूचना को वापस ले लिया।

हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने कहा,
"अब तक सरकार से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती के लिए कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है, और बिना सरकारी अनुरोध के आयोग स्वयं भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता।"

राज्य में 75 FSOs की जरूरत

RTI दायर करने वाले अधिवक्ता विजयदीप राठी ने कहा कि हरियाणा की आबादी को देखते हुए कम से कम 75 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि,
"अगर सख्त कानून नहीं बनाए गए और उन्हें प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।"

खाद्य सुरक्षा को लेकर यह खुलासा राज्य सरकार के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अगर जल्द से जल्द इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह जनस्वास्थ्य के लिए एक गंभीर संकट बन सकता है।

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