लोगों को नपुसंक बनाने वाला डॉक्टर पंकज गर्ग आखिर कौन है? हाईकोर्ट ने इस मामले में खारिज की याचिका

Punjab and Haryana Highcourt


Punjab and Haryana Highcourt: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के नपुसंक करने के मामले में आरोपी पंकज गर्ग की जमानत शर्तों में बदलाव की याचिका को खारिज कर दिया है। गर्ग ने कोर्ट से अपनी जमानत शर्तों में से पासपोर्ट जमा करने और विदेश यात्रा के लिए पूर्व अनुमति लेने की शर्तों को हटाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।


क्या कहा कोर्ट ने?

हाईकोर्ट के जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया, पंकज गर्ग के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उनके द्वारा डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों को अवैध रूप से नपुसंक बनाए जाने का मामला है। अदालत ने जमानत शर्तों की समीक्षा की और कहा कि इसमें किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं पाई गई, और ना ही इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरोप गंभीर हैं, और शर्तों में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है।


पंकज गर्ग की याचिका खारिज

पंकज गर्ग, जो पंचकूला के एक सर्जन हैं, ने अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए शर्तों को हटाने की मांग की थी। इनमें शर्तें थीं कि उन्हें अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा और विदेश यात्रा के लिए अदालत से पूर्व अनुमति लेनी होगी। हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई और मामले की समीक्षा करने के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया।


2015 में दर्ज हुआ था मामला

यह मामला 7 फरवरी 2015 को दर्ज हुआ था, जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह और दो डॉक्टरों पंकज गर्ग और एम पी सिंह के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। सीबीआई ने एक फरवरी 2018 को पंचकूला की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।


आरोप और पंकज गर्ग का बचाव

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के कहने पर पंकज गर्ग और अन्य डॉक्टरों ने बड़ी संख्या में अनुयायियों को नपुसंक किया। इन पर आईपीसी की धारा 326 (खतरनाक हथियारों से गंभीर चोट पहुंचाना), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), और 417 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। पंकज गर्ग ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया और आरोप 12 साल बाद लगाए गए हैं, जिसके लिए कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।


निष्कर्ष

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंकज गर्ग की जमानत शर्तों में बदलाव की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और अदालत को हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इस फैसले से यह साफ हो गया कि इस मामले में अभी भी कई कानूनी प्रक्रियाएं बाकी हैं और पंकज गर्ग को अपनी शर्तों के साथ ही जमानत पर रहना होगा।

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