Supreme Court Slams ED: हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकारा, कहा- ‘अमानवीय और मनमाना रवैया’



Supreme Court Slams ED: हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई लगभग 15 घंटे लंबी पूछताछ और उनके साथ किए गए व्यवहार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के इस रवैये को "मनमाना" और "अमानवीय" बताते हुए उनकी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया।

ईडी के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मामले में ईडी के आचरण को "अमानवीय" बताया। उन्होंने कहा कि यह मामला आतंकवाद से संबंधित नहीं था, बल्कि अवैध रेत खनन से जुड़ा हुआ था। इस तरह के मामलों में किसी व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा,

"आपने एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर किया। ईडी का यह रवैया न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि किसी भी मानवीय दृष्टिकोण के खिलाफ है।"

उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया गया था। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय के निष्कर्ष केवल यह तय करने के लिए थे कि गिरफ्तारी अवैध थी या नहीं। यह निष्कर्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 के तहत लंबित शिकायत के गुण-दोष को प्रभावित नहीं करेंगे।

ईडी का बचाव

ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने उच्च न्यायालय के निष्कर्षों को चुनौती दी। उन्होंने दावा किया कि सुरेंद्र पंवार से लगातार 14 घंटे 40 मिनट तक पूछताछ नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान रात्रि भोजन के लिए ब्रेक दिया गया था। वकील ने यह भी बताया कि ईडी ने 2024 में एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे पूछताछ के दौरान कुछ मानकों का पालन करें और देर रात पूछताछ से बचें।

उच्च न्यायालय का फैसला और टिप्पणियां

29 सितंबर 2024 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए कहा था कि गिरफ्तारी का आधार अवैध खनन से संबंधित है, जो खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) के तहत अपराध है। हालांकि, इसे पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध नहीं माना जा सकता।

उच्च न्यायालय ने कहा था:

"प्रथम दृष्टया, याचिकाकर्ता के खिलाफ पीएमएलए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।"

क्या है मामला?

55 वर्षीय सुरेंद्र पंवार को 20 जुलाई, 2024 को तड़के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन्हें अंबाला की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में 29 जुलाई, 2024 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।

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