हरियाणा के सिरसा जिले में 13 भ्रष्ट पटवारियों पर गिरेगी गाज, रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप, देखें पूरी लिस्ट
रिश्वतखोरी के तरीके और आरोप
जांच में खुलासा हुआ है कि ये पटवारी जमीन से जुड़े कार्यों जैसे रजिस्ट्री, इंतकाल, खाते तकसीम, पैमाइश, रिकॉर्ड दुरुस्त करने और नक्शा बनाने के नाम पर रिश्वत लेते थे। इनमें से कई पटवारियों ने निजी सहायकों (दलालों) को भी रखा हुआ है, जो उनके भ्रष्टाचार को अंजाम देने में मदद करते हैं। इन पटवारियों पर नागरिकों से 2,000 से 5,000 रुपये तक की अवैध वसूली करने का आरोप है।
सिरसा जिले के 13 भ्रष्ट पटवारियों के नाम
- दिग्विजय सिंह
- बंसी बिश्नोई
- राकेश कुमार मेहता
- जसमेर सिंह
- मनोज कुमार
- मुकेश कुमार
- कुलदीप सिंह
- कौर सिंह
- हनुमान
- बसंत सिंह प्रजापत
- जोगिंद्र सिंह
- सुखदेव सिंह
- सुनील कुमार
पटवारियों पर लगे आरोप और उनके तरीकों का खुलासा
- दिग्विजय सिंह: रजिस्ट्री और इंतकाल के नाम पर 2,000 से 5,000 रुपये तक वसूलते हैं। इनके पास गांव नेजिया निवासी सतपाल सहायक के तौर पर काम करता है।
- बंसी बिश्नोई: खाता तकसीम और इंतकाल के एवज में 2,000 से 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हैं।
- राकेश कुमार मेहता: रजिस्ट्री और इंतकाल के लिए रिश्वत लेने के आरोप हैं। इनका निजी सहायक शाहपुर बेगु निवासी जगदीप सिंह है।
- जसमेर सिंह, मनोज कुमार और मुकेश कुमार: खाता तकसीम और इंतकाल के लिए 2,000 से 5,000 रुपये तक रिश्वत लेने के आरोप।
- कुलदीप सिंह और कौर सिंह: नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में 2,000 रुपये प्रति एकड़ तकसीम के नाम पर वसूली करते हैं।
- हनुमान: कालांवाली में प्राइवेट कार्यालय बनाकर सहायक हरपाल सिंह के माध्यम से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
- बसंत सिंह प्रजापत: डबवाली में प्राइवेट मकान में कार्यालय बनाकर इंतकाल, जमीन पर लिमिट बनवाने और मकान लोन के नाम पर भ्रष्टाचार करते हैं। इनके सहायक रणवीर सिंह और गुरसेवक सिंह हैं।
- सुखदेव सिंह और सुनील कुमार: डबवाली में ट्रक यूनियन के पास प्राइवेट कार्यालय बनाकर जमीन के कार्यों में रिश्वत लेते हैं। इनके सहायक गोपीराम, जिले सिंह और सुखपाल सिंह हैं।
सरकार के सख्त निर्देश
सिरसा जिले के डीसी को निर्देश दिए गए हैं कि इन भ्रष्ट पटवारियों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
यूनियन ने उठाए सवाल
पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के सिरसा जिला प्रधान लाभ सिंह ने बताया कि यूनियन इस मामले की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि किसने यह सर्वेक्षण किया और आरोप तय किए। यूनियन इस मुद्दे पर जल्द ही प्रदेश स्तर पर निर्णय लेगी।
सरकार की मुहिम से नागरिकों को उम्मीद
सरकार के इस कदम से नागरिकों को भ्रष्टाचार से राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार का यह फैसला प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।