सिरसा का एक अस्पताल जो खुद बीमार पड़ गया, गांव नया राजपुरा में 20 साल से डॉक्टर का इंतजार



सिरसा: सिरसा जिले के गांव नया राजपुरा में स्थित पशु अस्पताल आज खुद अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है। गांव में पशु अस्पताल की इमारत बने दो दशक हो चुके हैं, लेकिन अब तक यहां एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। डॉक्टर का इंतजार करते-करते अस्पताल की दीवारें भी अब बूढ़ी हो चली हैं, मगर पशुपालकों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।

गांव नया राजपुरा में लगभग 350 घरों की आबादी है और अधिकांश लोग पशुपालन पर निर्भर हैं। गांव में लगभग 1000 पशु हैं, जिनकी देखभाल और इलाज के लिए पशु अस्पताल की बेहद जरूरत है, लेकिन सरकार अभी तक यहां डॉक्टर की सुविधा मुहैया नहीं करवा पाई है। ग्रामीणों को पशुओं के इलाज के लिए दूसरे गांवों का रुख करना पड़ता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त समय और पैसे की बर्बादी झेलनी पड़ती है।

गांववालों का रोष

गांव के पशुपालकों का कहना है कि जब सरकार ने पशु अस्पताल की इमारत बना दी है, तो फिर डॉक्टर की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही? एक किसान ने बताया, "पिछले 20 सालों से हमें अपने पशुओं के इलाज के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। इससे हमें न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि समय भी बर्बाद होता है।"

एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि चुनावों के समय नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही हमारी समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं देता। पशुपालकों ने सरकार से जल्द से जल्द डॉक्टर की नियुक्ति की मांग की है।

प्रशासन की सफाई

इस संबंध में जब डेप्युटी डायरेक्टर सुखमिंदर सिंह, इंटेंसिव कैटल प्रोजेक्ट, सिरसा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि गांव में पशुओं की संख्या सरकारी मानकों के अनुसार कम है, इसलिए अस्पताल में अभी तक डॉक्टर की पोस्ट स्वीकृत नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि, "जैसे ही कोई नया प्रावधान आएगा या पशुओं की संख्या बढ़ेगी, डॉक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी।"

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि पशुओं की संख्या पहले से ही काफी अधिक है, ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती करनी चाहिए। ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

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