Patwari Posting Rohtak: रोहतक में नए साल पर 179 पटवारियों की नियुक्ति, जमीन से जुड़े काम होंगे तेज
Patwari Posting Rohtak: नए साल के मौके पर हरियाणा सरकार ने रोहतक जिले में 179 नए पटवारियों की नियुक्ति की घोषणा की है। इन पटवारियों को ट्रेनिंग के बाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। इस कदम से रोहतक जिले में पटवारियों की कमी दूर होगी और जमीन से जुड़े रुके हुए कामों को तेजी से निपटाया जा सकेगा।
पटवारियों की मौजूदा स्थिति
रोहतक जिले में वर्तमान में 104 पटवारी हैं, लेकिन इनमें से केवल 80 पटवारी ही सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जिले को प्रभावी तरीके से प्रबंधित करने के लिए 24 अतिरिक्त पटवारियों की आवश्यकता थी। अब, हरियाणा सरकार ने 179 नए पटवारियों को रोहतक जिला आवंटित किया है।
नियुक्ति और ट्रेनिंग प्रक्रिया
नए नियुक्त पटवारियों को एक साल तक व्यापक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें उनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये पटवारी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगे।
जमीन का मालिकाना हक देने में होगी मदद
हरियाणा सरकार की स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा के अंतर्गत आने वाली जमीन के मालिकाना हक देने का कार्य जारी है। नए पटवारियों की नियुक्ति से इस योजना में तेजी आएगी। लोगों को उनकी जमीन का हक जल्द मिलेगा और जमीन से जुड़े रुके हुए कार्य भी पूरे किए जाएंगे।
पटवारियों को दिए गए दिशा-निर्देश
नए पटवारियों को आज तहसील कार्यालय में दिशा-निर्देश दिए गए। सरकार ने उन्हें भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और सही तरीके से रिकॉर्ड प्रबंधन पर फोकस करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि कैसे वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि विवादों को हल करने में मदद कर सकते हैं।
लाल डोरा से जुड़े परिवारों को राहत
सरकार की योजना के तहत लाल डोरा के अंतर्गत 21 हजार परिवारों को संपत्ति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। यह कदम न केवल परिवारों को संपत्ति पर कानूनी अधिकार देगा, बल्कि भूमि विवादों को भी कम करेगा।
जमीन से जुड़े रुके काम होंगे पूरे
रोहतक में नए पटवारियों की नियुक्ति से स्थानीय प्रशासन को मदद मिलेगी। जिले में भूमि रिकॉर्ड से जुड़े रुके हुए कार्य तेजी से पूरे होंगे, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
निष्कर्ष
नए पटवारियों की नियुक्ति रोहतक जिले के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न केवल पटवारियों की कमी पूरी होगी, बल्कि जमीन के मालिकाना हक से जुड़े कामों में भी तेजी आएगी। यह कदम प्रदेश की भूमि प्रबंधन और स्वामित्व प्रणाली को और मजबूत बनाएगा।