Municipal elections Haryana 2025: हरियाणा में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज़, भाजपा, कांग्रेस और इनेलो की क्या होगी रणनीति?
Municipal elections Haryana 2025: हरियाणा में एक बार फिर से चुनावी माहौल बन गया है। प्रदेश के शहरों की सरकार के चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी गतिविधियों को तेज़ कर दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा, जो तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही, अब निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी है। विपरीत परिस्थितियों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के लिए यह निकाय चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं होंगे।
निकाय चुनाव की दो चरणों में वोटिंग
हरियाणा में आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 23 नगर पालिकाओं के चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। इन चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने विधायकों, मंत्रियों और सांसदों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया है। मुख्यमंत्री भी पहले चरण में उन क्षेत्रों में धन्यवादी दौरे कर रहे हैं, जहां निकाय चुनाव होने हैं। इसके साथ ही, भाजपा के सत्ता और संगठन के पदाधिकारी भी चार बैठकें कर चुके हैं, ताकि चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके।
कांग्रेस की रणनीति और बैलेट पेपर पर विवाद
विपक्षी दल कांग्रेस ने अभी तक निकाय चुनाव को लेकर कोई विशेष बैठक नहीं की है। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस पार्टी चुनाव पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी। प्रदेश अध्यक्ष की ओर से कमेटी के गठन का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा गया था, लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके अलावा, जिला प्रभारियों की सूची को लेकर भी पार्टी प्रभारी ने रोक लगा दी है।
इनेलो की स्थिति और उम्मीदवारों की घोषणा
हरियाणा विधानसभा में इनेलो के दो विधायक हैं। पार्टी ने चुनाव को लेकर बैठकें शुरू कर दी हैं, लेकिन अभी तक चुनावी रणनीति का औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। पार्टी सुप्रीमो ओपी चौटाला की निधन के बाद से इनेलो के समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इनेलो प्रदेश के सभी निकायों के चुनाव में नहीं, बल्कि कुछ विशेष सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी।
आम आदमी पार्टी और जजपा की स्थिति
आम आदमी पार्टी भी निकाय चुनाव को लेकर दुविधा में है। पार्टी अभी तक इस बारे में स्पष्ट रूप से कोई निर्णय नहीं ले पाई है। दूसरी ओर, जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में संगठन के पुनर्गठन और सदस्यता अभियान को लेकर घोषणा की है, जो चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकती है।
हरियाणा के निकाय चुनावों को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा ने चुनावी रणनीतियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं, जबकि कांग्रेस और इनेलो समेत अन्य दल अपनी योजनाओं पर विचार कर रहे हैं। इस बीच, जजपा के दुष्यंत चौटाला द्वारा संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में उठाए गए कदम पार्टी के लिए भविष्य में एक अहम पहल साबित हो सकते हैं। इन चुनावों के परिणाम राज्य की राजनीतिक दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।