अमृत योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी: कुमारी शैलजा ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप



Haryana Politics News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजूवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना बुनियादी ढांचे में सुधार, पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन और पार्क जैसी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।

कुमारी शैलजा ने सरकार से मांग की कि वह इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करे और स्पष्ट करे कि इस योजना पर कितना बजट खर्च किया गया, क्या काम किए गए और अब तक क्या उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

योजना का उद्देश्य और उसकी विफलता

कुमारी शैलजा ने बताया कि 25 जून 2015 को शहरी विकास मंत्रालय ने अमृत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य था:

  1. हर घर में पानी और सीवरेज कनेक्शन उपलब्ध कराना।
  2. हरियाली और खुले स्थानों (जैसे पार्क) का विकास।
  3. सार्वजनिक परिवहन और गैर-मोटर चालित परिवहन (जैसे पैदल चलने और साइकिल चलाने) के लिए सुविधाओं का निर्माण।
  4. प्रदूषण कम करना और शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।

हालांकि, कुमारी शैलजा के अनुसार, यह योजना जहां-जहां लागू की गई, वहां इसका क्रियान्वयन बेहद खराब तरीके से हुआ। परियोजनाओं में धनराशि का दुरुपयोग और कागजों पर खानापूर्ति की गई। परिणामस्वरूप, न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं हुआ, बल्कि स्थिति और बिगड़ गई।

सिरसा में योजना की स्थिति

उन्होंने सिरसा शहर का उदाहरण देते हुए बताया कि इस योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए 40 करोड़ रुपये खर्च कर पाइप लाइन डाली गई, लेकिन जलभराव की समस्या आज भी बनी हुई है। हालत यह है कि इस परियोजना के बाद स्थिति और खराब हो गई है।

भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कुमारी शैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में लागू की गई अधिकतर योजनाएं या तो पूरी नहीं हुईं या भ्रष्टाचार का शिकार हो गईं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनता की शिकायतों को अनदेखा किया और अमृत योजना के तहत मिलने वाली धनराशि का सही उपयोग नहीं किया गया।

श्वेत पत्र जारी करने की मांग

कुमारी शैलजा ने सरकार से मांग की कि वह इस योजना पर श्वेत पत्र जारी कर बताए:

  1. कहां-कहां पर इस योजना के तहत काम हुआ।
  2. अब तक कितना बजट जारी और खर्च किया गया।
  3. क्या बुनियादी ढांचे में कोई सुधार हुआ।

उन्होंने कहा कि अमृत योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं, जिनका उद्देश्य जनता के जीवन को बेहतर बनाना था, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की वजह से असफल हो रही हैं।

निष्कर्ष

कुमारी शैलजा ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस तरह की योजनाओं की असफलता न केवल जनता के विश्वास को कमजोर करती है, बल्कि देश के शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा झटका है। उन्होंने सरकार से मांग की कि अमृत योजना में हुई खामियों की जवाबदेही तय की जाए और जनता के सामने तथ्य रखे जाएं।

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