हरियाणा के हिसार में किसानों की महापंचायत: हजारों किसान जुटेंगे, केंद्र सरकार की नीतियों पर मंथन



हिसार: हरियाणा के हिसार में 4 जनवरी को किसानों की महापंचायत आयोजित की गई। जाट धर्मशाला में आयोजित इस महापंचायत में हजारों किसानशामिल हुए। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों पर चर्चा करते हुए कई अहम मुद्दों पर मंथन किया। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौथ ने प्रेसवार्ता के दौरान महापंचायत की जानकारी दी।

केंद्र सरकार की नई कृषि नीति पर विरोध

सुरेश कौथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्यों को नई कृषि उपज विपणन नीति भेजी है। उनका आरोप है कि यह वही तीन कृषि कानून हैं, जिनका किसान पहले विरोध कर चुके हैं। सरकार ने इन कानूनों को नाम बदलकर और घुमा-फिराकर दोबारा लाने की कोशिश की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान ऐसे किसी भी कानून को स्वीकार नहीं करेंगे और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग

महापंचायत में किसानों ने अपनी लंबे समय से लंबित मांगों पर भी जोर दिया।

  • सुरेश कौथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कानूनों को वापस लेते समय किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी बाकी मांगों पर भी विचार किया जाएगा। अब समय आ गया है कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे।
  • उन्होंने किसानों को लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने और उनके कर्ज माफ करने की भी मांग की।
  • इसके अलावा, उन्होंने सरकार से कृषि को मनरेगा योजना से जोड़ने की भी अपील की।

किसानों के आंदोलन को समर्थन

सुरेश कौथ ने स्पष्ट किया कि भारतीय किसान मजदूर यूनियन खनौरी बॉर्डर और देश के अन्य हिस्सों में जारी किसान आंदोलनों का पूर्ण समर्थन करती है।

  • उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर किसान नेताओं, जैसे कि जगजीत सिंह डल्लेवाल, की बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है।
  • यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि किसान संगठन तन-मन-धन से इन आंदोलनों में शामिल हैं और सरकार को समय रहते किसानों से संवाद स्थापित करना चाहिए।

सरकार की नीतियों पर सवाल

महापंचायत में प्रदेश प्रवक्ता जोगेंद्र मैयड़ ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।

  • उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और उपेक्षा के कारण किसान भूखा मरने की कगार पर पहुंच गए हैं।
  • सरकार को अपना रवैया बदलने और तुरंत किसानों की मांगें मानने की सलाह दी गई।

महापंचायत में चर्चा के प्रमुख मुद्दे

  1. केंद्र की नई कृषि नीति का विरोध।
  2. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग।
  3. किसानों का कर्ज माफ और MSP बढ़ाने का आग्रह।
  4. कृषि को मनरेगा योजना से जोड़ने का प्रस्ताव।
  5. अन्य राज्यों में जारी आंदोलनों को समर्थन और किसानों के हक में केंद्र सरकार से संवाद की मांग।
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