खासा आला चाहर का गाना, टोकनी पीतल की, पीतल की, ब्याणी तो मोल मंगाई, लिरिक्स
टोकनी पीतल की, पीतल की, ब्याणी तो मोल मंगाई
तेरी टोकनी की पीतल की, मैं पीतल रखूं लोहे में,
जिसने सारे बोले पापी, बंदा हूं सुन वोए मैं।
तेरी मेरी ना जोत मिले, मेरी मिलनी चले जेले में,
हमने थड़े कांड करे ना जारी, मारी मेला में।
जेल दुःख पावगी, पावगी, आ तने मिल ज्या और भतेरे,
प्यार ना करमा मैं, करमा मैं, आ मत लेव सपने मेरे।
टोकनी पीतल की, पीतल की, ब्याणी तो मोल मंगाई
तू पार्वती ज्यूं रानी सी, मैं भोले की ज्यूं फक्कड़ सूं,
तू चांदनी के मनके बर्गी, मैं सीधा सा कोई लकड़ सूं।
हम मरके भी बंदा ढोल्या हाथ, मैंने परवाह नहीं किसे साले की,
मर जाएगा पर झुके नहीं, ये बात खासा वाले की।
ये नैन कटोरे से, कटोरे से, अर्जुन ज्यूं तीर चलाव,
जान तू काढ़ लेव चुन्नी दांतां के माह जब तू दबाव।
टोकनी पीतल की, पीतल की, ब्याणी तो मोल मंगाई
तू कोमल काया की छोरी, तेरी कमर पे टैटू छपरा से,
तू भरी दोनाली बर्गी से, तेरा रूप कसूता निखरा से।
तू गलत ज़ोन में आ जाएगी ना, तेरी गेल्या न्याह होगा,
वो अच्छी किस्मत वाला से, जिस गेल्या तेरा ब्याह होगा।
आर चौकी थाने में, चौकी थाने में, रह गया आधा जीवन बीत,
चैल कोई ढूंढ जाली, तने मिल जाएगा कोई मीत।
टोकनी पीतल की, पीतल की, ब्याणी तो मोल मंगाई