किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का ऐलान, अनशन तभी खत्म होगा जब एमएसपी कानून बनेगा, 40 दिनों से बैठें हैं मरणव्रत पर

dallewal




Farmer Protest Khanauri Border: किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने शनिवार को अपनी आमरण अनशन की 40वीं दिनगांठ मनाई। 70 वर्षीय डल्लेवाल, जो कैंसर से जूझ रहे हैं, अपनी बिगड़ती सेहत की परवाह किए बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून की गारंटी के लिए संघर्षरत हैं। वे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं और "करो या मरो" की लड़ाई के संकल्प के साथ अनशन पर बैठे हुए हैं।


सरकार से एमएसपी कानून लागू करने की मांग

डल्लेवाल ने केंद्र सरकार से संसदीय पैनल की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी कानून पारित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक यह कानून लागू नहीं होता, उनका अनशन जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में डल्लेवाल ने 24 दिसंबर को अपील की थी कि किसानों की इस प्रमुख मांग को स्वीकार किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे विरोध स्थल पर अपनी जान देने को तैयार हैं।


किसानों के संघर्ष को लेकर दल्लेवाल का पक्ष

डल्लेवाल ने कहा कि किसानों पर राजमार्ग अवरुद्ध करने के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने दावा किया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की राह में बाधा हरियाणा सरकार द्वारा डाली जा रही है। उनका कहना है कि पंजाब के किसानों को केवल गेहूं और धान के लिए एमएसपी मिलती है, जबकि अन्य फसलों के लिए यह गारंटी नहीं होने से किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

पंजाब में कपास की खेती पर चर्चा करते हुए डल्लेवाल ने कहा कि कीटों के हमलों और एमएसपी खरीद की कमी के चलते इस फसल में भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने एमएसपी गारंटी को किसानों के उत्पादों के उचित मूल्य का एकमात्र समाधान बताया।


किसान आंदोलन और उनकी भूमिका

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि वे शुरू में किसान यूनियनों का हिस्सा नहीं थे, लेकिन अपने भाई के साथ काम करते हुए इस संघर्ष में शामिल हुए। उनकी भूमिका बढ़ते-बढ़ते उन्हें भारतीय किसान यूनियन का अध्यक्ष बना दिया। वैचारिक मतभेदों के कारण उन्होंने बाद में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का गठन किया।

शनिवार को आयोजित महापंचायत के जरिए डल्लेवाल ने किसान यूनियनों को एकजुट करने और इस आंदोलन को ताकत देने का आह्वान किया। उनका मानना है कि यदि किसान एकजुट होकर संघर्ष करेंगे, तो एमएसपी गारंटी कानून पारित करवाना संभव होगा।


आंदोलन के लिए तैयार किए दस्तावेज

डल्लेवाल ने बताया कि उन्होंने अपनी वसीयत तैयार कर अपनी जमीन अपने परिवार के नाम कर दी है। उनका कहना है कि यह लड़ाई अब "आर-पार" की है, और एमएसपी गारंटी कानून लागू होने तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।

डल्लेवाल ने सभी किसानों से इस आंदोलन में पूरे जोश और ताकत से भाग लेने की अपील की है। उनका मानना है कि यह संघर्ष न केवल किसानों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

Next Post Previous Post