2025 में सिरसा के लिए नई उम्मीदें, लेकिन जिले में सबसे ज्यादा गौशालाएं होने के बावजूद आवारा पशुओं की बड़ी समस्या
Naya Haryana News: सिरसा के लोगों के लिए 2025 का वर्ष नई उम्मीदों के साथ शुरू हुआ है। स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और परिवहन क्षेत्र में कई लंबित मांगें पूरी होने की उम्मीद है। नगरपालिका परिषद के कई परियोजनाएं भी पाइपलाइन में हैं, और यदि मंजूरी मिलती है, तो इन पर काम जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि, जिले की सबसे बड़ी समस्या आवारा जानवरों की है। जिला प्रशासन और स्थानीय विधायक ने मार्च तक सिरसा को "आवारा-जानवर मुक्त" करने का वादा किया है, जो लोगों के लिए राहत का कारण बन सकता है।
चिकित्सा महाविद्यालय और स्वास्थ्य सुधार
2024 में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिरसा में 1,010 करोड़ रुपये की लागत से एक चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण शुरू किया था। 2025 में इस परियोजना के पहले चरण में अस्पताल, प्रशासनिक ब्लॉक और शैक्षिक ब्लॉक का निर्माण होगा। इसके अलावा, एक विशेष कैंसर उपचार केंद्र भी 5.5 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इस परियोजना से सिरसा और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा।
यातायात और जाम की समस्या का समाधान
चट्टगढ़ पट्टी रेलवे क्रॉसिंग के पास मिनी बाईपास अक्सर दिन में 15 से 20 बार जाम हो जाता है, जिससे यातायात में समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए 2025 में एक ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत 20 करोड़ रुपये है। टेंडर प्रक्रिया फरवरी में शुरू होने की संभावना है।
पानी आपूर्ति और सीवर परियोजनाएं
चट्टगढ़ पट्टी जल आपूर्ति क्षमता बढ़ाने का काम चल रहा है, और डबवाली रोड के साथ नई मुख्य जललाइन बिछाई जा रही है। यह परियोजना पूरी होने पर शहर के 70 प्रतिशत हिस्से में विशेष रूप से गर्मियों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, पुरानी कोर्ट रोड रेलवे गेट पर एक अंडरपास का निर्माण भी 2025 के जून तक शुरू होने की उम्मीद है।
नए बाजार और मंडियों का स्थानांतरण
नगरपालिका परिषद सब्जी, फल और अनाज मंडियों को शहर से बाहर स्थानांतरित करने पर काम कर रही है। इस परियोजना के पहले चरण में बाउंड्री वॉल का निर्माण चल रहा है। उम्मीद है कि 2025 के अंत तक यह सभी मंडियां पूरी तरह से स्थानांतरित हो जाएंगी, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
बेहतर सड़कें और रेलवे
खैरेंकां गांव के पास घग्गर नदी पुल पर ओवरब्रिज का निर्माण दुर्घटनाओं और यातायात जाम को कम करेगा, खासकर उनके लिए जो हिसार से सिरसा या डबवाली यात्रा करते हैं। इसके अलावा, सिरसा रेलवे स्टेशन पर कार्य लगभग पूरा हो चुका है, और 90 प्रतिशत सौंदर्यीकरण का काम हो चुका है। 2025 तक तीसरी प्लेटफॉर्म और एस्केलेटर का निर्माण भी किया जाएगा।
बेहतर बिजली आपूर्ति
सिरसा में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए 54 करोड़ रुपये की लागत से एक परियोजना चल रही है, जिसमें नई केबल बिछाने, नए खंभे लगाने और पुराने ट्रांसफार्मरों को बदलने का काम शामिल है। इस काम के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिससे विशेष रूप से गर्मियों में बिजली कटौती में कमी आएगी।
20 नई बसों के जुड़ने की संभावना
सिरसा के बस डिपो में बसों की कमी हो रही है, जिससे कई मार्गों पर बस सेवाएं कम हो गई हैं। हालांकि, 2025 में 20 नई बसें जोड़ी जाने की संभावना है, जिससे लंबी दूरी की बस सेवाओं में सुधार होगा।
आवारा जानवरों की समस्या
सिरसा में बड़ी सवाल यह है कि शहर को आखिरकार कब आवारा जानवरों से मुक्त किया जाएगा? नगरपालिका परिषद के अधिकारियों और स्थानीय विधायक गोविंद सैनी इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए हिसार से एक विशेष टीम भी बुलाई गई है, और गौशालाएं भी अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही हैं। उन्होंने वादा किया है कि मार्च तक सिरसा को "आवारा-जानवर मुक्त" कर दिया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोग इस दावे पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर रहे हैं, क्योंकि पहले भी इस तरह के वादे किए गए थे, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
वर्तमान में सिरसा की सड़कों और गलियों में 2,000 से ज्यादा आवारा जानवर घूम रहे हैं, जो रोजाना दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। हाल ही में आवारा जानवरों से जुड़ी दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है, और इनमें से कुछ दुर्घटनाओं में मौतें भी हुई हैं। हरियाणा गौ सेवा आयोग के अनुसार, सिरसा जिले में 59,052 आवारा जानवर हैं, जो विभिन्न गौशालाओं में रखे गए हैं। हालांकि, यह संख्या केवल shelters में रखे गए जानवरों की है, और सड़कों पर कितने आवारा जानवर हैं, इसका कोई सही आंकड़ा नहीं है। अनुमान है कि सड़कों पर जितने आवारा जानवर हैं, उतने ही shelters में भी हो सकते हैं।
सिरसा में पूरे राज्य में सबसे ज्यादा कुल 141 गौशालाएं हैं। फिर भी, सड़कों पर आवारा जानवरों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। जिले की सबसे बड़ी गौशाला सिरसा शहर में स्थित श्री गौशाला गांव में है, जहां 2,575 आवारा जानवर रखे गए हैं। जिले को गौशालाओं के लिए सबसे बड़ी अनुदान राशि भी मिली है। 2023-24 में अकेले इन गौशालाओं को तीन किस्तों में 12,92,37,800 रुपये का अनुदान मिला है।
इतना पैसा खर्च करने के बावजूद, सिरसा की सड़कों पर आवारा जानवरों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। यह स्थानीय निवासियों में निराशा का कारण बन रहा है, क्योंकि समस्या और भी बढ़ती जा रही है।