उत्तराखंड से हाथियों का झुंड हरियाणा में दाखिल: कलेसर नेशनल पार्क में देखा गया नया परिवार
Haryana News: उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क में हाथियों की बढ़ती आबादी के कारण यह जंगली जानवर हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित कलेसर नेशनल पार्क का रुख कर रहे हैं। हाल ही में वन विभाग के अधिकारियों ने एक नर, दो मादा और उनके दो बच्चों का समूह कलेसर में देखा। यह घटना क्षेत्रीय पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
कलेसर नेशनल पार्क: हाथियों का नया आश्रय
कलेसर नेशनल पार्क हरियाणा में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। यह क्षेत्र 11,570 एकड़ में फैला हुआ है और यहां की जैव विविधता इसे वन्यजीवों के लिए आदर्श बनाती है। यहां हाथियों के पसंदीदा भोजन, जैसे रिहानी पेड़ और विभिन्न घासों की प्रचुरता है, जो उन्हें उत्तराखंड से यहां आने के लिए प्रेरित करती है।
पार्क का भौगोलिक महत्व
कलेसर नेशनल पार्क घने जंगलों के गलियारों के माध्यम से उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क और हिमाचल प्रदेश के कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है। यह पारिस्थितिक जुड़ाव हाथियों और अन्य वन्यजीवों को स्वतंत्र रूप से घूमने में मदद करता है।
हाथियों की उपस्थिति: वन्यजीव संरक्षण की उपलब्धि
वन विभाग ने दिसंबर 2024 में पहली बार इस हाथी परिवार को देखा। तब से इन्हें कलेसर के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है। वन विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम के अनुसार, यह हाथी सुरक्षित और खाद्य संपन्न स्थान की तलाश में यहां पहुंचे हैं।
हाथियों का पसंदीदा भोजन और कलेसर की विशेषताएं
कलेसर में सेमल, बहेड़ा, और अमलतास जैसे पेड़ पाए जाते हैं, जो हाथियों के भोजन की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यहां की घनी हरियाली और शांत वातावरण इसे वन्यजीवों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।
कैमरे में कैद: पेड़ों की पत्तियां खाते हुए हाथी
हाल ही में वन विभाग के कैमरों ने हाथियों को पेड़ों की पत्तियां तोड़कर खाते हुए कैद किया। यह दृश्य इस बात की पुष्टि करता है कि कलेसर हाथियों के लिए भोजन और आराम का उपयुक्त स्थान है।
हाथियों का सामाजिक व्यवहार और सुरक्षा
हाथी सामाजिक जानवर हैं और समूह में रहना पसंद करते हैं। कलेसर नेशनल पार्क का घना जंगल और मानव हस्तक्षेप से दूरी इन जानवरों को यहां टिकने के लिए प्रेरित करती है।
वन विभाग की तैयारी
वन विभाग ने हाथियों की निगरानी और उनकी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें कैमरा ट्रैपिंग, गश्त बढ़ाना और स्थानीय समुदाय को जागरूक करना शामिल है।
कलेसर नेशनल पार्क की अन्य जैव विविधता
कलेसर सिर्फ हाथियों का ही नहीं, बल्कि अन्य वन्यजीवों का भी घर है। यहां तेंदुआ, हिरण, चीतल, सांभर, वन बकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, और नीलगाय जैसे जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा, भारतीय सियार, गोरल, भारतीय कलगीदार साही और ग्रे लंगूर भी यहां देखे जा सकते हैं।
पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
यह पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए भी एक शानदार स्थान है। यहां बटेर, तीतर और जंगली मुर्गा जैसे पक्षी बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं।
वन्यजीवों के लिए अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियां
कलेसर नेशनल पार्क में उपलब्ध अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियां न केवल हाथियों, बल्कि अन्य जंगली जानवरों की सुरक्षा और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
हाथियों की आवाजाही और पर्यावरणीय संतुलन
हाथियों की आवाजाही इस बात का संकेत है कि कलेसर का पारिस्थितिकी तंत्र संतुलित और वन्यजीवों के लिए आकर्षक है। यह घटना पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष: कलेसर नेशनल पार्क का बढ़ता महत्व
कलेसर नेशनल पार्क हरियाणा में न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण का एक प्रमुख केंद्र भी है। उत्तराखंड से हाथियों का यहां आना इस बात का प्रमाण है कि यह स्थान वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और संपन्न है।