हरियाणा के एक गांव की महिला ने खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, कमाई देख आप करने लगेंगे ये काम!
झज्जर: हरियाणा के झज्जर जिले के खरमाण गांव की महिला रेणु सांगवान ने अपने मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि देसी तरीके से भी करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा किया जा सकता है। अपने बेटे डॉ. विनय सांगवान के सहयोग से शुरू किया गया उनका डेयरी फार्म आज "गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम" के नाम से जाना जाता है और हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहा है।
2017 से शुरू हुआ सफर
रेणु सांगवान ने अपने सफर की शुरुआत साल 2017 में की, जब उन्होंने 9 गायों की देखभाल और पालन-पोषण का जिम्मा उठाया। उनकी मेहनत और व्यवसायिक सोच ने जल्द ही इस छोटे से प्रयास को बड़े स्तर पर पहुंचा दिया। आज उनके फार्म में 280 गायें हैं, जिनमें साहीवाल, गिर, राठी और थारपारकर जैसी देसी नस्लें शामिल हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स से करोड़ों की कमाई
रेणु केवल दूध बेचने तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने दूध से बनने वाले अन्य उत्पादों जैसे घी, पनीर, बर्फी और च्यवनप्राश का भी उत्पादन और बिक्री शुरू की। उनके प्रोडक्ट्स की हाई क्वालिटी ने उन्हें स्थानीय बाजारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। आज उनके प्रोडक्ट्स की मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी है।
प्रोफेशनल अप्रोच और इनोवेशन
रेणु ने अपने डेयरी फार्म को पारंपरिक तरीके से चलाने के बजाय आधुनिक तकनीकों और प्रोफेशनल अप्रोच को अपनाया। उन्होंने बैलों के वीर्य का उत्पादन और बिक्री शुरू की, जो मवेशियों की नस्ल सुधारने में उपयोगी है। यह फार्म की आमदनी का एक और महत्वपूर्ण स्रोत बन गया।
राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
रेणु की कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट काम की बदौलत उन्हें 2024 में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके काम की गुणवत्ता और उनके फार्म की सफलता का प्रमाण है।
बेटे का सहयोग
रेणु के बेटे डॉ. विनय सांगवान उनके इस सफर में उनके मुख्य सहयोगी हैं। विनय ने अपने ज्ञान और अनुभव से फार्म को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने मिलकर फार्म की व्यवस्थाओं को इस प्रकार व्यवस्थित किया कि न केवल प्रोडक्शन बढ़ा, बल्कि प्रोडक्ट्स की क्वालिटी भी शीर्ष स्तर पर बनी रही।
गायों की देखभाल में प्रेम और समर्पण
रेणु सांगवान अपने फार्म की हर गाय की देखभाल बहुत ही प्रेम और समर्पण के साथ करती हैं। उनके लिए यह काम केवल व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक सेवा है। वह सुनिश्चित करती हैं कि उनकी गायें स्वस्थ और खुशहाल रहें, जिससे दूध और अन्य उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहे।
प्रेरणा की मिसाल
रेणु सांगवान की यह कहानी उन सभी महिलाओं और किसानों के लिए प्रेरणा है जो अपने पारंपरिक व्यवसाय को नए और इनोवेटिव तरीके से आगे बढ़ाना चाहते हैं। रेणु ने दिखाया कि अगर सही दिशा और मेहनत हो तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
रेणु सांगवान का "गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम" आज न केवल एक सफल व्यवसाय है, बल्कि यह ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और भारतीय डेयरी उद्योग में नई संभावनाओं की मिसाल भी है।