Haryana Railway News: देश को पहली हाइड्रोजन ट्रेन की सौगात, जींद से सोनीपत तक होगा सफर
Haryana Railway News: नए साल 2025 की शुरुआत के साथ ही देश को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि मिलने जा रही है। भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, जो पूरी तरह से प्रदूषण रहित होगी, इस साल जींद से सोनीपत के बीच 90 किलोमीटर का सफर तय करेगी। यह ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और इसे मार्च तक ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा रहा है। जींद में 3000 किलो हाइड्रोजन स्टोर करने के लिए प्लांट तैयार किया जा रहा है। भारत अब फ्रांस, स्वीडन, जर्मनी और चीन के बाद हाइड्रोजन ट्रेन चलाने वाला पांचवां देश बन जाएगा।
जींद-सोनीपत के बीच होगा ट्रायल रन
जींद जंक्शन पर बन रहे हाइड्रोजन प्लांट का 80% काम पूरा हो चुका है, और शेष कार्य अगले दो महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद ट्रेन का ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। यह हाइड्रोजन ट्रेन वंदेभारत ट्रेन की तरह ही दिखेगी। ट्रायल के सफल होने के बाद इसका संचालन हाइड्रोजन गैस से किया जाएगा, जिससे सफर पूरी तरह प्रदूषण रहित होगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे की सौगात
गुरुग्राम के खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर दिल्ली के महिपालपुर के शिवमूर्ति तक करीब 9000 करोड़ रुपये की लागत से देश का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो रहा है। गुरुग्राम के हिस्से पर वाहनों का आवागमन शुरू हो चुका है, जबकि दिल्ली में सुरंग निर्माण कार्य भी पूरा हो गया है। फरवरी 2025 में इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन की उम्मीद है।
प्रदूषण रहित सफर, धुएं की जगह भाप और पानी
हाइड्रोजन ट्रेन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह प्रदूषण रहित होगी। जींद में 118 करोड़ रुपये की लागत से 2000 वर्ग मीटर क्षेत्र में हाइड्रोजन प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। यह ट्रेन डीजल की तुलना में अधिक माइलेज देगी और रखरखाव भी सस्ता होगा। हाइड्रोजन इंजन से धुएं की जगह भाप और पानी का उत्सर्जन होगा।
हाइड्रोजन ट्रेन की विशेषताएं
- रफ्तार: 140 किमी प्रति घंटा
- यात्रा क्षमता: डीजल ट्रेनों के बराबर
- माइलेज: 1 किलो हाइड्रोजन = 4.5 लीटर डीजल
- सफर की दूरी: 360 किलोग्राम हाइड्रोजन में 180 किमी का सफर
- शोर रहित यात्रा: यात्रियों को आरामदायक अनुभव मिलेगा
पर्यावरण के लिए बड़ी उपलब्धि
हाइड्रोजन ट्रेनें न केवल प्रदूषण को कम करेंगी, बल्कि यह इलेक्ट्रिक ट्रेनों की तुलना में 10 गुना अधिक दूरी तय करने में सक्षम होंगी। यह तकनीक भारत को रेलवे क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।
हरियाणा रेलवे की यह पहल देश के लिए बड़ी उपलब्धि है और यात्रियों को एक नया अनुभव प्रदान करेगी।