Haryana Property Tax: अंबाला नगर निगम ने बकायेदारों पर कसा शिकंजा, प्रॉपर्टी सीलिंग की कार्रवाई शुरू
अंबाला: अंबाला नगर निगम ने संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) की बकाया राशि को लेकर सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। बरसों से लाखों रुपये का टैक्स न चुकाने वाले संपन्न बकायेदारों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू होने जा रही है। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, बकायेदारों पर करोड़ों रुपये का संपत्ति कर बकाया है, जिससे नगर का विकास बाधित हो रहा है।
धनिकों पर सीलिंग का डर
नगर निगम क्षेत्र में कई धनाढ्य व्यक्तियों ने वर्षों से लाखों रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरा है। ऐसे बकायेदारों के कारण निगम प्रशासन की ऊर्जा और समय बर्बाद हो रहा है। स्टाफ की पहले से ही कमी है, जिससे अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अब नगर निगम ने इन बकायेदारों को नोटिस जारी कर दिया है। जिन लोगों पर एक लाख रुपये से अधिक का टैक्स बकाया है, उन्हें सीलिंग का सामना करना पड़ेगा।इस कार्रवाई से बकायेदारों को सामाजिक अपमान का डर सताने लगा है। निगम का ध्यान खासकर वाणिज्यिक संपत्तियों, गोदामों, बैंकों, होटलों, अस्पतालों, मैरिज पैलेस और पेट्रोल पंपों पर केंद्रित है, जिनकी ओर बड़ी राशि बकाया है। औद्योगिक और संयुक्त संपत्तियों के मामलों में भी करोड़ों रुपये बकाया बताए गए हैं।
संपत्ति रिकॉर्ड में खामियां
अंबाला नगर निगम का संपत्ति रिकॉर्ड अव्यवस्थित है, जो समस्या को और गंभीर बना रहा है। क्षेत्र में लगभग 1.25 लाख प्रॉपर्टी आईडी दर्ज हैं, लेकिन केवल 20% संपत्तियों का रिकॉर्ड सही माना जाता है। बाकी संपत्तियों में रिकॉर्ड की खामियां पाई गई हैं।खाली प्लॉटों का डाटा भी स्पष्ट नहीं है, जो हजारों में है। याशी कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में लापरवाही के कारण अधिकतर संपत्तियों का रिकॉर्ड सही नहीं है। इसके चलते संपत्ति मालिकों और प्रशासन दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नगर निगम का बयान
नगर निगम आयुक्त सचिन गुप्ता के निर्देश पर बकायेदारों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कई लोगों ने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया।अधीक्षक राजेंद्र मेहता ने कहा:
"नोटिस का पालन न करने वाले बकायेदारों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जा रही है। यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी, जब तक बकाया राशि जमा नहीं होती।"
आगे की योजना
नगर निगम की प्राथमिकता बकाया प्रॉपर्टी टैक्स वसूलना है ताकि विकास कार्यों में सुधार हो सके। हालांकि, सरकारी विभागों को इस कार्रवाई से बाहर रखा गया है। प्रशासन की सख्ती को देखते हुए बकायेदारों पर जल्द ही टैक्स चुकाने का दबाव बढ़ सकता है।इस पहल से नगर निगम उम्मीद कर रहा है कि प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली में तेजी आएगी और शहर के विकास कार्यों को नया आयाम मिलेगा।