हरियाणा में मकान और फ्लैट खरीदना हुआ महंगा, EDC में 20% वृद्धि, जानें कहां पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
Naya Haryana News: हरियाणा में भाजपा सरकार की तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद, प्रदेश में मकान, फ्लैट और प्लॉट खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर आई है। सरकार ने 8 साल बाद एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) में 20% की एकमुश्त बढ़ोतरी कर दी है। यह नया शुल्क 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुका है।
नगर एवं आयोजना विभाग के निदेशक अमित खत्री ने EDC बढ़ोतरी को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। हरियाणा को EDC वसूली के लिए 6 जोनों में विभाजित किया गया है, जबकि पंचकूला के लिए अलग दरें निर्धारित की गई हैं। इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि EDC में हर साल 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। यह बढ़ा हुआ शुल्क खरीदारों पर असर डालेगा, क्योंकि बिल्डर यह शुल्क उनसे वसूल करेंगे। इससे आवासीय परियोजनाओं के दाम बढ़ना तय है।
गुरुग्राम-फरीदाबाद पर सबसे ज्यादा असर
EDC बढ़ोतरी का सबसे अधिक प्रभाव गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोहना और आसपास के क्षेत्रों पर पड़ेगा। इन क्षेत्रों में जमीन महंगी होने के कारण फ्लैट्स का प्रचलन अधिक है। इन्हें "हाईपर" और "हाई पोटेंशियल" जोन में शामिल किया गया है।
मीडियम पोटेंशियल जोन में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, बहादुरगढ़, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, बावल, पलवल, जगाधरी-यमुनानगर, धारूहेड़ा, पृथला, गन्नौर और होडल को रखा गया है। इन इलाकों में फ्लैट्स की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
वहीं, भिवानी, फतेहाबाद, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नारनौल, सिरसा, और झज्जर को "लो पोटेंशियल" जोन में रखा गया है, जहां EDC बढ़ोतरी का प्रभाव कम होगा।
8 साल बाद हुई EDC दरों में बढ़ोतरी
प्रदेश में EDC की दरें 2015 की नीति के तहत तय थीं और बीते 8 वर्षों में इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ था। सरकार का कहना है कि EDC से प्राप्त अतिरिक्त राजस्व का उपयोग संबंधित क्षेत्रों के विकास में किया जाएगा।
गुरुग्राम के पटौदी, हेलीमंडी, और फरूखनगर को लो पोटेंशियल जोन से निकालकर मीडियम पोटेंशियल जोन में शामिल किया गया है। वहीं, राज्य में EDC दरों की गणना के लिए इंडेक्सेशन नीति में बदलाव किया गया है।
2015-16 में बंद हो गए थे लाइसेंस
2015-16 में EDC की दरों के कारण रियल एस्टेट डेवलपर्स ने लाइसेंस लेना बंद कर दिया था, जिसके चलते सरकार ने दरों में वृद्धि रोक दी थी। अब भाजपा सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने EDC में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।
हर साल होगी 10% वृद्धि
भविष्य में EDC दरें तय करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। जब तक नई दरें निर्धारित नहीं हो जातीं, तब तक हर साल 1 अप्रैल से EDC में 10% की वार्षिक वृद्धि लागू रहेगी।
पिछले प्रयास असफल रहे
वर्ष 2018 में सरकार ने EDC दरों के निर्धारण का कार्य गुरुग्राम और रोहतक सर्कल के लिए IIT दिल्ली, तथा फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्कल के लिए IIT रुड़की को सौंपा था। लेकिन दोनों संस्थानों ने यह कार्य करने से मना कर दिया था। इसके कारण पुरानी इंडेक्सेशन नीति के तहत ही EDC दरें जारी रहीं।
अब 2025 में लागू नई नीति से प्रदेश में मकान, फ्लैट और प्लॉट खरीदने की लागत में वृद्धि होना तय है।