खापों ने किसान आंदोलन के समर्थन में दी चेतावनी,फोगाट खाप बोली- डल्लेवाल शहीद हुए तो उग्र होगा किसान आंदोलन
Farmer Protest: चरखी दादरी में आयोजित सर्वजातीय फोगाट खाप पंचायत ने किसान आंदोलन को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को सीधी चेतावनी दी है। खाप प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यदि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को कुछ भी हुआ, तो खाप पंचायतों के सहयोग से आंदोलन उग्र रूप ले लेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि केंद्र सरकार के सहयोग से डल्लेवाल का अनशन समाप्त करवाकर किसानों की मांगों को पूरा किया जाए।
स्वामी दयाल धाम पर आयोजित पंचायत
चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर खाप प्रधान सुरेश फोगाट की अध्यक्षता में आयोजित पंचायत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। करीब दो घंटे चली इस पंचायत में खाप ने तीन साल पहले लिए गए पूर्व विधायक राजदीप फोगाट के सामाजिक बहिष्कार के फैसले को वापस लेने की घोषणा की।
डल्लेवाल के अनशन पर खाप की चेतावनी
खाप प्रधान सुरेश फोगाट ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के अनशन को हल्के में न लिया जाए। यदि उनकी अनशन के दौरान शहादत होती है, तो किसान आंदोलन खाप पंचायतों के सहयोग से और अधिक उग्र हो जाएगा। खाप प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह हस्तक्षेप कर केंद्र सरकार के माध्यम से डल्लेवाल का अनशन समाप्त करवाए और किसानों की मांगों को स्वीकार करवाए।
राजदीप फोगाट का सामाजिक बहिष्कार समाप्त
पंचायत में तीन साल पहले खाप द्वारा पूर्व विधायक राजदीप फोगाट पर लगाए गए सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने का फैसला लिया गया। राजदीप फोगाट ने पंचायत में माफी मांगते हुए खाप के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इस बहिष्कार ने उनके राजनीतिक करियर को गंभीर रूप से प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “अब पंचायत ने बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया है, इसका मैं सम्मान करता हूं।”
खाप के अन्य निर्णय
पंचायत में खाप ने किसानों के हित में लिए गए निर्णयों पर चर्चा की और किसान आंदोलन को मजबूत करने की बात कही। खाप प्रधान सुरेश फोगाट ने कहा कि खाप पंचायतें किसानों के साथ खड़ी हैं और यदि आवश्यक हुआ तो आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
फोगाट खाप का यह फैसला किसानों के पक्ष में आंदोलन को समर्थन देने और एकजुटता दिखाने का स्पष्ट संकेत है। साथ ही, राजदीप फोगाट के बहिष्कार का निर्णय वापस लेना सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक कदम माना जा रहा है। खाप पंचायतों का यह कदम किसानों और उनके नेताओं को मजबूती प्रदान करेगा।