तो क्या हरियाणा में बंद हो जाएगी आयुष्मान-चिरायु योजना! सरकार पर अस्पतालों का 400 करोड़ रुपये बकाया



Haryana News: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है कि आयुष्मान-चिरायु कार्ड योजना के तहत अस्पतालों के 400 करोड़ रुपए के लंबित बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह मुद्दा गंभीर हो गया है क्योंकि इससे जुड़े अस्पताल आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री से मुलाकात बेअसर

IMA हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन के नेतृत्व में डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस मुद्दे पर चर्चा कर चुका है। हालांकि, समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हुआ है।

IMA के अनुसार, यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू की गई थी। हरियाणा सरकार ने इसे चिरायु और चिरायु एक्सटेंशन कार्ड के रूप में लागू किया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ मिल सके।


IMA का सख्त रुख: सेवाएं बंद करने पर विचार

आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पतालों की सेवाओं को लेकर संकट गहरा गया है। आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो अस्पताल अपनी सेवाएं स्थगित करने पर मजबूर हो जाएंगे।

“समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार अधिकारियों से मुलाकात की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो मरीजों को सुविधाएं देना मुश्किल हो जाएगा।”

अस्पतालों ने समस्याओं का समाधान न होने की स्थिति में सेवाएं बंद करने के निर्णय पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।


तीन साल से लंबित हैं भुगतान

IMA हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र सोनी ने बताया कि:

  • बिल भुगतान में देरी: पिछले 2-3 सालों से अस्पतालों को समय पर भुगतान नहीं मिला।
  • कटौतियां और जवाबदेही की कमी: बिना ठोस कारण के मनमाने तरीके से कटौती की जा रही है, और महीनों तक जवाब नहीं मिलता।
  • फंड की कमी: बैंकों ने फंड की कमी का हवाला देकर दो बार भुगतान रोक दिया।

अनुबंध के नियमों का उल्लंघन

IMA का कहना है कि निजी अस्पताल योजना के तहत केवल लागत पर काम कर रहे हैं।

  • ब्याज नहीं दिया जा रहा: अनुबंध के अनुसार लंबित भुगतान पर ब्याज नहीं मिल रहा।
  • अधिक कटौतियां: अस्पतालों को बार-बार आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

हरियाणा में 1.2 करोड़ लाभार्थी

  • राज्य में करीब 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं, जिनमें से 550 निजी अस्पताल हैं।
  • 1.2 करोड़ लोग योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं।
  • योजना के तहत हर परिवार को 5 लाख रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दी जाती है।

IMA की मांग

IMA ने सरकार से:

  1. लंबित भुगतान तुरंत जारी करने।
  2. अनुबंध के अनुसार ब्याज का भुगतान सुनिश्चित करने।
  3. अस्पतालों की सेवाओं को नुकसान से बचाने के लिए उचित बजट बढ़ाने की मांग की है।
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