चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने नशे और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट मोड अपनाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के उपायुक्त (डीसी) और जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को हर महीने की एक रात अपने जिले के किसी एक गांव में गुजारनी होगी। इस दौरान अधिकारी ग्रामीणों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका समाधान सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही, रात्रि प्रवास की मासिक रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजनी होगी।
नशे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लिया गया निर्णय
हरियाणा सरकार ने डीसी और एसपी के गांवों में रात्रि ठहराव के पीछे प्रदेश में बढ़ते नशे को मुख्य कारण बताया है। मुख्यमंत्री सैनी द्वारा जारी आदेश में इन रात्रि प्रवासों का उद्देश्य कानून व्यवस्था को मजबूत करना, नशे के दुरुपयोग पर लगाम लगाना और इस प्रक्रिया में ग्रामीणों की भागीदारी को बढ़ावा देना बताया गया है।
गांवों में अधिकारी करेंगे संवाद
रात्रि प्रवास के दौरान डीसी और एसपी ग्रामीणों के साथ संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास करेंगे। यह कदम सरकार की मंशा को दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नशे और अपराध पर नियंत्रण के लिए आमजन की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद लागू हुए आदेश
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए थे। अब राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्त और जिला पुलिस अधीक्षकों को इन आदेशों को लागू करने के सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। यह फैसला प्रदेश में नशे के खिलाफ जंग और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।