Haryana Earthquake : हरियाणा के सोनीपत जिले में 12 दिनों के भीतर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। तड़के सुबह 3 बजकर 57 मिनट पर आए इस भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 10 किलोमीटर की गहराई में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.0 मापी गई। राहत की बात यह रही कि भूकंप के दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, और लोग सुरक्षित हैं।
सोनीपत में भूकंप का सिलसिला जारी
इससे पहले 25 और 26 दिसंबर 2023 को भी हरियाणा में लगातार दो दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
- 26 दिसंबर 2023: सुबह 9 बजकर 42 मिनट और 3 सेकंड पर भूकंप आया, जिसका केंद्र सोनीपत के पहलादपुर किडोली क्षेत्र में स्टेडियम के पास था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.6 मापी गई। इसका केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर भीतर था।
- 25 दिसंबर 2023: दोपहर 12 बजकर 28 मिनट और 31 सेकंड पर भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसका केंद्र सोनीपत के खरखौदा क्षेत्र में कुंडल गांव के पास 5 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई थी। इसके प्रभाव से रोहतक, पानीपत, झज्जर, गुरुग्राम और सोनीपत में तेज झटके महसूस हुए। भूकंप के बाद लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप के लगातार झटके: चिंता का विषय
सोनीपत में 12 दिनों के भीतर बार-बार आ रहे भूकंप ने विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। लगातार झटकों से यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील होता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप का केंद्र बार-बार सोनीपत में होना, भूगर्भीय हलचल और टेक्टोनिक प्लेट्स में हो रहे बदलाव की ओर इशारा करता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इन झटकों की तीव्रता अभी तक कम रही है, जिससे जान-माल का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।
लोगों के लिए सुझाव और सावधानियां
भूकंप के प्रति जागरूकता और सतर्कता अपनाना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों द्वारा दिए गए कुछ सुझाव:
- भूकंप के दौरान:
- घर के भीतर ही किसी मजबूत मेज के नीचे छुपें।
- खिड़की, शीशे और भारी फर्नीचर से दूर रहें।
- खुले क्षेत्र में जाएं और इमारतों से दूर रहें।
- पूर्व तैयारी:
- घरों और कार्यस्थलों पर आपातकालीन किट तैयार रखें।
- परिवार के सदस्यों को भूकंप से बचने के तरीकों की जानकारी दें।
- सरकारी दिशा-निर्देशों और अपडेट्स पर ध्यान दें।
निष्कर्ष
सोनीपत में बार-बार आ रहे भूकंप इस क्षेत्र को संवेदनशील बना रहे हैं। विशेषज्ञों की सलाह और सुरक्षा उपायों को अपनाकर संभावित खतरों को कम किया जा सकता है। सरकार और भूगर्भीय संस्थानों को इन घटनाओं पर गहराई से अध्ययन करने और संभावित खतरों से निपटने की तैयारी करनी चाहिए, ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।
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