अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज, ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में नहीं होंगे शामिल, जरूरत पड़ी तो करूंगा अनशन, जानें पूरा मामला



हरियाणा के बिजली एवं परिवहन मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अब ग्रीवेंस कमेटी की बैठकों में हिस्सा नहीं लेंगे। इसका कारण बताते हुए विज ने कहा कि इन बैठकों में दिए गए आदेशों का पालन नहीं किया जाता। उन्होंने यहां तक चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तरह अनशन करने के लिए भी तैयार हैं

विज का यह बयान ऐसे समय आया है जब शुक्रवार को उन्हें सिरसा और कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में शामिल होना था। उनके बयान से साफ है कि वे अब इन बैठकों से दूरी बना सकते हैं।

SHO सस्पेंशन मामले पर सरकार से नाराज हैं अनिल विज

कुछ दिन पहले अनिल विज ने अंबाला कैंट सदर थाने के SHO सतीश कुमार को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। इस संबंध में उन्होंने हरियाणा पुलिस के DGP शत्रुजीत कपूर को भी फोन कर सस्पेंशन ऑर्डर की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद SHO को सस्पेंड नहीं किया गया।

सूत्रों के मुताबिक, यह फाइल गृह मंत्रालय से रिजेक्ट हो गई। गृह मंत्रालय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के अधीन आता है। ऐसे में विज के गृह जिले अंबाला में ही उनके आदेश लागू नहीं होने से वह आहत हैं और राजनीतिक रूप से भी उनकी स्थिति प्रभावित हो रही है।

अनिल विज की नाराजगी की 3 अहम वजहें

1. ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में अब नहीं होंगे शामिल

विज ने कहा, "अब मैं ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में नहीं जाऊंगा क्योंकि वहां दिए गए आदेशों को अधिकारी लागू नहीं करते। जब आदेशों का पालन ही नहीं किया जाता तो इन बैठकों में जाने का कोई मतलब नहीं है।"

2. अंबाला के हकों के लिए आंदोलन करेंगे

अनिल विज ने साफ कहा कि वह अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र की जनता के अधिकारों के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा, "बाकी हरियाणा का मुझे नहीं पता, लेकिन अंबाला के हक के लिए मैं हमेशा लड़ूंगा। अगर आंदोलन करने की जरूरत पड़ी, तो वह भी करूंगा।"

3. जरूरत पड़ी तो करूंगा अनशन

विज ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनशन पर भी बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा, "जिस तरह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों के हक के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं, उसी तरह अगर मुझे भी अनशन करना पड़े, तो मैं भी पीछे नहीं हटूंगा।"

अनिल विज का सरकार से टकराव नया नहीं

यह पहली बार नहीं है जब अनिल विज सरकार से नाराज हुए हैं। इससे पहले भी कई बार वे अपनी ही सरकार के फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं। विज हमेशा अपनी बेबाक राय और स्पष्टवादी छवि के लिए जाने जाते हैं।

क्या अंबाला में विज का दबदबा कम हो रहा है?

विज हरियाणा की राजनीति के मजबूत नेता माने जाते हैं, खासकर अंबाला में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। लेकिन हाल के घटनाक्रमों से यह सवाल उठने लगा है कि क्या उनकी राजनीतिक ताकत को कमजोर किया जा रहा है? उनके आदेशों की अनदेखी इस ओर इशारा कर रही है कि सरकार में उनकी पकड़ पहले जैसी मजबूत नहीं रही

क्या अनशन से मिलेगा समाधान?

अगर अनिल विज अपने फैसले पर अड़े रहते हैं और अनशन करते हैं, तो इसका राजनीतिक प्रभाव क्या होगा? क्या सरकार उनके सामने झुकेगी, या फिर यह विवाद और बढ़ जाएगा?

भविष्य में क्या होगा?

  • अगर अनिल विज अपनी बात पर अड़े रहते हैं तो यह सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है
  • सरकार को यह तय करना होगा कि विज की नाराजगी को कैसे दूर किया जाए
  • अंबाला में SHO सस्पेंशन का मामला और बढ़ सकता है
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