खतरें में सैनी सरकार! हरियाणा में दोबारा ईवीएम की चैकिंग, अगर एक सीट पर फैसला बदला तो हो जाएगा खेला!
Haryana Assembly Election Result Recounting: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शुरुआती बढ़त के बाद भाजपा के पलटवार पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि जिन सीटों पर ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी, वहां कांग्रेस उम्मीदवार हार गए, जबकि 60-70 प्रतिशत बैटरी वाली ईवीएम के बूथों पर भाजपा को बढ़त मिली।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हरियाणा चुनाव में कोई गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कांग्रेस नेताओं से अपील की कि नाजुक समय में सोच-समझकर बयान दें।
रनिया सीट पर होगी दोबारा जांच
सिरसा जिले की रनिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सर्वमित्र कंबोज की अपील पर जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने ईवीएम और बैलेट पेपर की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। यह मिलान 9 जनवरी से 13 जनवरी तक सिरसा के वेयरहाउस में सुबह 10 बजे से किया जाएगा। हालांकि, केवल 9 बूथों के बैलेट पेपर और ईवीएम का मिलान होगा।
रनिया में हार का अंतर और कांग्रेस की रणनीति
रनिया सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सर्वमित्र कंबोज 4,191 वोटों के अंतर से हारे थे। इस सीट से इनेलो के अर्जुन चौटाला ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस का मानना है कि अगर यहां कोई अनियमितता साबित हुई, तो भाजपा सरकार पर असर पड़ सकता है।
भाजपा के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अगर जांच में गड़बड़ी पाई गई और परिणाम पलटता है, तो यह भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि अगर रनिया सीट पर सफलतापूर्वक गड़बड़ी साबित हुई, तो वह 20 अन्य सीटों पर भी ईवीएम जांच के लिए आवेदन कर सकती है।
जिला निर्वाचन कार्यालय ने जारी किया नोटिस
सिरसा जिला निर्वाचन कार्यालय ने मंगलवार को नोटिस जारी कर जांच की पुष्टि की। यह जांच सिरसा के ट्रैफिक पार्क के पास वेयरहाउस में होगी। कांग्रेस का कहना है कि वह इस जांच के नतीजों का इंतजार कर रही है और अगर गड़बड़ी साबित हुई तो इसे व्यापक मुद्दा बनाएगी।
चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल
कांग्रेस के इन आरोपों और जांच प्रक्रिया ने हरियाणा में चुनावी पारदर्शिता और ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहस छेड़ दी है। आगामी दिनों में इस मुद्दे पर दोनों दलों की राजनीति और बयानबाजी तेज होने की संभावना है।