हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए मृत्यु-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी सीमा में 25% की बढ़ोतरी
Good News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और राहत भरे फैसले की घोषणा की है। इस फैसले के तहत, मृत्यु-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है, जो पहले 20 लाख रुपये थी। इस फैसले से कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, ताकि वे भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करने से बच सकें।
क्या है ग्रेच्युटी भुगतान?
ग्रेच्युटी एक प्रकार की वित्तीय सहायता है, जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट, त्यागपत्र या सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद दी जाती है। यह एक लाभकारी योजना है, जो कर्मचारियों को उनके लंबे समय तक की सेवा का पुरस्कार देती है।
- पहले की सीमा: मृत्यु-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की सीमा पहले 20 लाख रुपये थी।
- नया फैसला: अब इस सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है, जो 2025 से लागू होगा।
- लाभार्थी: इस निर्णय से सरकारी कर्मचारी, न्यायिक अधिकारी, और उनके परिवारों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनकी स्थिति मजबूत रहेगी।
ग्रेच्युटी भुगतान का लाभ कौन उठाएगा?
यह निर्णय ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत लागू किया गया है, जिसके मुताबिक यदि कोई कर्मचारी किसी संस्था में 5 साल या उससे ज्यादा समय तक कार्य करता है, तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। यह भुगतान कर्मचारियों के लिए एक प्रकार की सुरक्षा योजना के रूप में कार्य करता है।
आर्थिक सहायता का उद्देश्य
हरियाणा सरकार का यह कदम कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। यह कदम कर्मचारियों के लिए जीवन में उत्पन्न होने वाली आकस्मिक स्थितियों के दौरान सहारा बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हरियाणा सरकार का यह फैसला कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बड़ा राहत भरा कदम है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी मिल चुकी है और इसे इसी साल से लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी, जो उनके और उनके परिवारों के भविष्य के लिए मददगार साबित होगा।