हरियाणा सरकार ने इन लोगों की कर दी मौज, लाल डोरे की जमीनों के मालिकाना हक की प्रक्रिया तेज, सिर्फ 1 रुपये में होगी रजिस्ट्री!
Haryana News: हरियाणा में लाल डोरे के भीतर स्थित जमीनों के मालिकाना हक दिलाने की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। इस योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शासनकाल में हुई थी। अब फरीदाबाद नगर निगम ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए गांव के लोगों को लाल डोरे के अंदर उनकी जमीन का मालिकाना हक देने की तैयारी शुरू कर दी है।
गांव-गांव सर्वे का कार्य शुरू
निगम की टीमें गांवों में जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं। सर्वे के आधार पर, गांव के नंबरदार की रिपोर्ट के तहत लाल डोरे की जमीन पर बसे लोगों के मकानों की रजिस्ट्री मात्र एक रुपये में की जाएगी। साथ ही, नगर निगम की ओर से इन्हें मालिकाना सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा।
दस्तावेज न होने की समस्या
गांव के लाल डोरे में बसे लोगों के पास अब तक अपनी संपत्ति के मालिकाना हक से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं। प्रदेश सरकार की स्वामित्व योजना के तहत, मार्च तक इन लोगों को नगर निगम द्वारा सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। इसके बाद, कलेक्टर रेट पर इन संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई जा सकेगी।
लोगों को जागरूक करने की पहल
नगर निगम द्वारा लोगों को इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है। निगम ने प्रत्येक जोन में टीमें गठित की हैं, जो लोगों को जागरूक करने और मालिकाना सर्टिफिकेट लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
मालिकाना हक के लिए जरूरी दस्तावेज
मालिकाना सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए, आवेदक को 10 वर्षों से जमीन, मकान या दुकान पर कब्जे का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। इनमें बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, गैस कनेक्शन की कॉपी आदि शामिल हो सकते हैं।
इसके बाद, नगर निगम की एक कमेटी इन दस्तावेजों का सत्यापन करेगी। सत्यापन प्रक्रिया में पार्षद, नंबरदार और जूनियर इंजीनियर (जेई) की मदद ली जाएगी। सत्यापन के बाद, मालिकाना हक का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
मालिकाना सर्टिफिकेट के फायदे
सर्टिफिकेट मिलने के बाद लोग अपनी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर लोन प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, जमीन की खरीद-बिक्री भी सुगम हो जाएगी। हालांकि, कुछ ग्रामीण इस योजना को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि मालिकाना सर्टिफिकेट मिलने के बाद उन्हें गृहकर (हाउस टैक्स) देना होगा।
गृहकर की दरें
निगम अधिकारियों के अनुसार:
- 99.99 गज तक की खाली जमीन पर कोई गृहकर नहीं लगेगा।
- 100 गज के ग्राउंड फ्लोर मकान पर 100 रुपये वार्षिक गृहकर देना होगा।
- 150 गज के ग्राउंड फ्लोर मकान पर 150 रुपये वार्षिक गृहकर देना होगा।
गृहकर की दरें जमीन के क्षेत्रफल के अनुसार तय की जाती हैं।
इस योजना का उद्देश्य गांवों में बसे लोगों को उनकी संपत्ति का कानूनी अधिकार प्रदान करना है। हालांकि, कुछ विरोध के बावजूद, यह योजना ग्रामीणों के आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायक सिद्ध हो सकती है।