हरियाणा में किसानों के आई खुशख़बरी, जल्दी से कर ले 20 जनवरी से पहले-पहले ये काम, मिलेगा मुआवजा, सीएम ने दिए आदेश



Haryana News: हरियाणा के 7 जिलों में बीते 26 और 27 दिसंबर की रात हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी सीजन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। प्रभावित जिलों में चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार और पलवल शामिल हैं। इसके चलते किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की, जिस पर प्रशासन ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से फसलों के नुकसान का ब्योरा दर्ज कराने का आदेश जारी किया है।

13 हजार एकड़ फसल हुई प्रभावित

चरखी दादरी जिले में 38 गांवों की करीब 13 हजार एकड़ फसल प्रभावित हुई है। विशेष रूप से सरसों, गेहूं, चना और सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई हैं। कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को अपनी फसलों के नुकसान का पंजीकरण आधार कार्ड और जमीनी दस्तावेजों के साथ ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कराना होगा।

20 जनवरी तक का समय निर्धारित

चरखी दादरी के उपायुक्त मुनीश शर्मा ने बताया कि प्रभावित किसान 20 जनवरी 2025 तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपनी फसलों के नुकसान का दावा दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार के वित्त आयुक्त राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि सभी किसान समय पर जानकारी दर्ज कराकर मुआवजा प्राप्त करें।

गिरदावरी के आधार पर मिलेगा मुआवजा

कृषि विभाग के अधिकारी चंद्रभान श्योराण ने बताया कि सरकार फसल नुकसान की भरपाई गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर करेगी। किसान पोर्टल पर अपनी जानकारी अपलोड करने के लिए:

  1. आधार कार्ड
  2. खसरा-गिर्दावरी नंबर
  3. फसल की तस्वीरें अपलोड करें।

ओलावृष्टि से सरसों की फसल हुई बर्बाद

विशेष रूप से सरसों की फसल को ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उनके नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करे।

क्या करें किसान?

  • पंजीकरण: ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाकर लॉगिन करें।
  • दस्तावेज़ अपलोड करें: आधार कार्ड, जमीनी दस्तावेज और फसल की तस्वीरें अपलोड करें।
  • अंतिम तिथि: 20 जनवरी से पहले दावा जरूर दर्ज करें।

सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक प्रभावी कदम उठाते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को लागू किया है। सभी प्रभावित किसान समय रहते पोर्टल पर जानकारी दर्ज कराकर अपनी फसल नुकसान का मुआवजा प्राप्त करें।

आशा है कि यह पहल किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई में सहायक होगी।

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