Haryana News: हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 20 हजार छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। अब ये छात्र-छात्राएं भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 31 मार्च 2007 से पहले संचालित अस्थाई और अनुमति प्राप्त स्कूलों की सूची हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भेज दी है। इन स्कूलों को पिछले सत्र में प्रोविजनल एफिलिएशन प्रदान की गई थी। साथ ही संबद्धता शुल्क जमा करने और छात्रों के नामांकन के लिए पोर्टल खोलने का निर्देश भी जारी किया गया है।
छात्रों को होगा बड़ा फायदा
इन स्कूलों को एफिलिएशन फॉर्म के साथ सत्र 2023-24 की प्रोविजनल एफिलिएशन और 31 मार्च 2007 से पहले की अस्थाई मान्यता या अनुमति पत्र की प्रति जमा करनी होगी। सरकार के इस कदम से लगभग डेढ़ लाख बच्चों के भविष्य पर मंडरा रहा अनिश्चितता का खतरा खत्म हो गया है। गौरतलब है कि हरियाणा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होने वाली हैं।
6 दिसंबर को जारी हुआ था आदेश
शिक्षा निदेशालय ने 6 दिसंबर को इन स्कूलों के सत्र 2024-25 का एक्सटेंशन लेटर जारी किया था। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि यह स्कूल सत्र 2025-26 में स्थायी मान्यता लिए बिना छात्रों का दाखिला न लें। इन स्कूलों से शपथपत्र लेकर रिपोर्ट शिक्षा मुख्यालय पंचकूला भेजने का भी आदेश दिया गया था।
रिपोर्ट में देरी बनी समस्या
कई जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट समय पर न भेजने के कारण निदेशालय इन स्कूलों की सूची बोर्ड को भेजने में देरी कर रहा था। इससे स्कूलों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी से एफिलिएशन नहीं मिल सकी और वे बोर्ड कक्षाओं के फॉर्म नहीं भर पाए।
वहीं, सरकारी और स्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के फॉर्म 3 दिसंबर तक भरे जा चुके थे। समस्या को लेकर प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार से गुहार लगाई थी कि इन स्कूलों की एफिलिएशन प्रक्रिया पूरी कर पोर्टल खोला जाए। संघ ने तर्क दिया कि नियमों में थोड़ी रियायत देकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए।
सरकार के इस फैसले से अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों को राहत मिली है, और अब वे बिना किसी बाधा के बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे।
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