हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा घोटाला: बिना सहमति किसानों की जमीन पर फसल बीमा, जांच के आदेश जारी
फोटो साभार: द ट्रिब्यून। |
हरियाणा न्यूज़: हरियाणा के हिसार जिले के कीर्तन गांव में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत एक संदिग्ध बीमा घोटाला सामने आया है। यहां किसानों का आरोप है कि उनकी सहमति के बिना उनकी जमीन पर फसल बीमा करवा दिया गया।
मामला क्या है?
किसानों ने शिकायत की है कि उन्होंने अपनी जमीन पर गेहूं और सरसों की फसल बोई थी, लेकिन बीमा में उनकी जमीन पर चना की फसल दिखाकर पॉलिसी ली गई।
“मैंने कभी फसल बीमा नहीं कराया”
किसान भूप सिंह, जो अपनी चार एकड़ जमीन पर सरसों और गेहूं की फसल उगा रहे हैं, ने कहा,
“मेरे पास किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी नहीं है। मैंने कभी फसल का बीमा नहीं कराया। यह देखकर हैरान हूं कि मेरी जमीन पर इस रबी सीजन में चना का बीमा किया गया।”
इसी तरह, सात एकड़ जमीन के मालिक सुरज भान ने बताया कि जब उन्होंने अपनी फसल का बीमा करवाना चाहा, तो उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ऑपरेटर ने बताया कि उनकी जमीन पर पहले ही चना की फसल का बीमा किया जा चुका है।
जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल?
शिकायतों के मुताबिक, जाली किरायेदारी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके कॉमन सर्विस सेंटर या बीमा एजेंसियों में फसल बीमा करवाया गया। ग्रामीणों ने दावा किया है कि बीमा करवाने वाले लोग गांव या हिसार जिले के निवासी नहीं हैं।
200 से अधिक किसान प्रभावित
गांव के निवासियों ने बीमित कृषि भूमि की सूची तैयार की है और इसे व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए किसानों को सतर्क करने के लिए साझा किया है।
“हमारे गांव में किसी ने बाहरी लोगों को अपनी जमीन पट्टे पर नहीं दी है। लगभग 200 किसान इस घोटाले से प्रभावित हैं,” एक ग्रामीण ने बताया।
जांच जारी, बीमा राशि होगी वापस
कृषि उप-निदेशक राजबीर सिंह ने शिकायतों की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
“प्रभावित किसानों की सूची बीमा कंपनी को भेज दी गई है। अगर फसलों का गलत बीमा हुआ है, तो बीमा राशि वापस की जाएगी।”
उन्होंने किसानों को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने और आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की सलाह दी है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे घोटाले
यह पहला मामला नहीं है। भिवानी जिले के रोहनात गांव में भी इसी तरह के घोटाले सामने आए थे। वहां किसानों के बैंक खाते और मोबाइल नंबरों का उपयोग करके फसल बीमा कराया गया था। करीब 100 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे।
क्या करना चाहिए?
किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाने से पहले फसल की स्थिति और बीमा रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए। सरकार और बीमा कंपनियों को ऐसे घोटालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसानों को उनका हक मिल सके।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के आधार पर है।