हरियाणा: ओलावृष्टि और बारिश से फसलों का नुकसान, किसानों को मिलेगा मुआवजा, खोला गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

Cm Saini


चंडीगढ़: हरियाणा में हाल ही में हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें काम में जुट गई हैं। यह खबर किसानों के लिए राहत भरी है, क्योंकि सरकार ने मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को भी खोल दिया गया है, जहां किसान अपनी फसल के नुकसान का विवरण दर्ज कर सकते हैं।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जानकारी दें किसान

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज किसान की जानकारी और जिला उपायुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा।

  • पोर्टल का उपयोग किसान अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी साझा करने के लिए कर सकते हैं।
  • जिला उपायुक्तों से मिली रिपोर्ट को राज्य स्तर पर जांचने के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने मांगी जिलावार रिपोर्ट

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी जिलों के उपायुक्तों से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, हरियाणा के कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है:

  1. भिवानी: तोशाम, लोहारू और बवानी खेड़ा।
  2. फतेहाबाद: रतिया, भट्टू कलां और फतेहाबाद।
  3. हिसार: नारनौंद और हांसी।
  4. महेंद्रगढ़: नारनौल और महेंद्रगढ़।
  5. रेवाड़ी: बावल और कनीना।
  6. पलवल: हथीन।

सबसे ज्यादा प्रभावित फसलें

  • सरसों, सब्जियां, और गेहूं की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
  • ओलावृष्टि से इन फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

मुआवजा मिलेगा प्रभावित किसानों को

राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

  • जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे जिलावार रिपोर्ट जल्द से जल्द राज्य सरकार को भेजें।
  • नुकसान के सही आकलन के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

हरियाणा सरकार की यह पहल किसानों को बड़ी राहत देगी। ओलावृष्टि और बारिश से प्रभावित फसलें किसानों के लिए चिंता का कारण थीं, लेकिन मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने से उनकी आर्थिक मदद होगी। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल का उपयोग करके किसान आसानी से अपने नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकते हैं और मुआवजे का लाभ उठा सकते हैं।

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