हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, बदला 50 साल पुराना नियम, अब शहरों और कस्बों में बसी कॉलोनियों को इस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं



Haryana News: हरियाणा सरकार ने शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में वर्षों पहले बसी कॉलोनियों को बड़ी राहत दी है। अब उन कॉलोनियों को नया समापन प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) लेने की आवश्यकता नहीं होगी, जिन्हें पहले आंशिक समापन प्रमाणपत्र मिल चुका है। यह बदलाव राज्य में शहरी विकास और बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है।

50 साल पुराने नियमों में बदलाव

हरियाणा सरकार ने 50 साल पुराने हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम-1975 में संशोधन किया है। विधि और विधायी विभाग ने सोमवार को इस संशोधित विधेयक की अधिसूचना जारी की। यह विधेयक नगरीय क्षेत्रों में समुचित योजना और विकास सुनिश्चित करने के साथ-साथ भूमि उपयोग, भवन निर्माण, और बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

नए सिरे से प्रमाणपत्र की आवश्यकता खत्म

संशोधन के तहत जिन कॉलोनियों को पहले आंशिक समापन प्रमाणपत्र मिल चुका है, उन्हें अब नए सिरे से कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

  • प्लॉटेड कॉलोनियों: जिन कॉलोनियों के पूरे क्षेत्र के लिए आंशिक समापन प्रमाणपत्र जारी किया गया है, वे अब किसी नई प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी।
  • अन्य कॉलोनियां: जिन कॉलोनियों के सभी भवन ब्लॉकों के लिए ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं, उनके लिए भी यह प्रावधान लागू है।

सरकार का उद्देश्य

सरकार ने यह बदलाव कॉलोनियों के लिए समापन प्रमाणपत्र प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए किया है। इससे पुराने बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को न केवल राहत मिलेगी बल्कि शहरी विकास प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।

इस कदम से शहरी विकास को नई दिशा मिलेगी और राज्य के नगरीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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