Anil Vij in Action: हरियाणा में परिवहन मंत्री अनिल विज का बड़ा एक्शन, कर दी विभाग से सारे पुलिसवालों की छुट्टी



Anil Vij in Action: हरियाणा में परिवहन विभाग में बड़ा बदलाव करते हुए रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) और जिला परिवहन कार्यालय (DTO) से सभी पुलिस कर्मचारियों को उनके मूल कैडर में वापस भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। मंगलवार शाम को परिवहन आयुक्त सीजी रजनी कंथन ने इस संबंध में निर्देश जारी किए। आदेश के अनुसार, कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) समेत जितने भी पुलिस कर्मचारी डेपुटेशन पर तैनात थे, वे अब अपने संबंधित पुलिस विभाग में वापस कार्यभार संभालेंगे।


परिवहन मंत्री अनिल विज का बयान

हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस निर्णय पर कहा, "पुलिस और सिविल अधिकारियों की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि वे अपने-अपने विभाग में ही काम करें। कुछ अधिकारी तिकड़म लगाकर सिविल पदों पर आ जाते हैं, लेकिन वे सिस्टम को समझ नहीं पाते। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए हमने कदम उठाए हैं।"


पहले हटाए गए IPS और HCS अधिकारी

अनिल विज के परिवहन मंत्री बनने के बाद विभाग से पहले IPS अधिकारी नवदीप सिंह विर्क को हटाया गया था। उनकी जगह वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका को अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) नियुक्त किया गया। विज ने अपने पदभार संभालने के बाद यह स्पष्ट किया कि सिविल और पुलिस पदों की भूमिकाएं अलग-अलग होनी चाहिए, और इस सिद्धांत के तहत विभाग में नियमों में बदलाव किया जा रहा है।


RTA में पुलिस की एंट्री का इतिहास

मनोहर लाल खट्टर की सरकार के दौरान RTA के पदों पर HCS, HPS और पुलिस अधिकारियों की नियुक्तियां शुरू हुई थीं। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कुछ HCS अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद परिवहन विभाग में गैर-परंपरागत नियुक्तियों का दौर शुरू हुआ, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और अन्य क्लास वन अधिकारियों को RTA के पदों पर तैनात किया गया।


विज के आदेश के बाद क्या बदला?

  1. RTA से पुलिस कर्मचारियों की छुट्टी: अब सभी पुलिसकर्मी अपने मूल पुलिस कैडर में लौटेंगे।
  2. नियमों में बदलाव: RTA और DTO में केवल सिविल कैडर के अधिकारी काम करेंगे।
  3. पारदर्शिता सुनिश्चित करने की पहल: विज ने विभाग से पुलिस अधिकारियों और अन्य गैर-संबंधित कैडर की तैनाती खत्म करने का निर्देश दिया है।

विज की नीति का प्रभाव

इस बदलाव से हरियाणा में परिवहन विभाग के कामकाज में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने की उम्मीद है। विभागीय भ्रष्टाचार के आरोपों को कम करने और सिविल व पुलिस कैडर की स्पष्ट भूमिकाओं को स्थापित करने का यह कदम एक बड़ा प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है।

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