हरियाणा: कृषि उद्योग निगम के जिला प्रबंधक अनूप कुमार गांचली और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज, एसीबी कर रही जांच
पंचकूला: हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हरियाणा कृषि उद्योग निगम लिमिटेड के जिला प्रबंधक अनूप कुमार गांचली और उनकी पत्नी लवली के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई प्रदेश सरकार के चौकसी विभाग और एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
सरकार के आदेश के बाद अब एसीबी द्वारा मामले की विस्तृत जांच की जा रही है, जिसमें यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों ने अपनी संपत्तियां कैसे और किन स्रोतों से खरीदीं। यह कार्रवाई हरियाणा में सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
संपत्तियों के स्रोत की हो रही जांच
प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए, जिसके बाद एसीबी ने अनूप कुमार गांचली और उनकी पत्नी लवली के खिलाफ केस दर्ज किया।
मुख्य जांच बिंदु:
- आरोपियों की संपत्तियों के स्रोत की जांच।
- उनकी आय और संपत्ति में असमानता का आकलन।
- संदेहास्पद वित्तीय लेन-देन की समीक्षा।
एसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपियों ने इतनी संपत्ति जुटाने के लिए पैसे का प्रबंध किन स्रोतों से किया।
पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप
जांच रिपोर्ट के अनुसार, अनूप कुमार गांचली पर अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। साथ ही, उनकी पत्नी लवली, जो केंद्र सरकार के सेमीकंडक्टर लैबोरेट्री, मोहाली में कार्यरत हैं, पर भी संपत्ति खरीदने में संलिप्तता का संदेह है।
जांच में सामने आए आरोप:
- अनूप कुमार ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर चल-अचल संपत्तियां खरीदीं।
- संपत्ति खरीदने से पहले उन्होंने सरकारी अनुमति नहीं ली।
- पिछले 22 वर्षों के दौरान उनकी संपत्तियों में अपेक्षाकृत असामान्य वृद्धि दर्ज की गई।
- एक अज्ञात महिला के साथ संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की भी जानकारी सामने आई है।
एसीबी जांच में सामने आई संपत्तियां
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 1998 से 2025 तक की अवधि में अनूप कुमार गांचली और उनकी पत्नी द्वारा अर्जित संपत्तियों की विस्तृत जांच की। जांच में कुछ प्रमुख संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन का खुलासा हुआ है, जिसमें शामिल हैं:
फ्लैट और मकान:
- वर्ष 2000: सेक्टर-66 में 6.83 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा, जिसे वर्ष 2006 में 8 लाख रुपये में बेचा।
- ग्रीन एनक्लेव, मोहाली: वर्ष 2010 में 11.5 लाख रुपये में मकान खरीदा।
- वर्ष 2018: संयुक्त रूप से 52.5 लाख रुपये का एक और फ्लैट खरीदा।
महंगी कारें:
- टाटा इंडिगो।
- महिंद्रा वेरिटो।
- हुंडई क्रेटा।
इन संपत्तियों के स्रोतों की पुष्टि के लिए एसीबी द्वारा गहन जांच जारी है।
कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?
सरकार को संदेहास्पद वित्तीय गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद चौकसी विभाग द्वारा अंतरविभागीय जांच की गई। इस जांच में पाया गया कि अनूप कुमार गांचली और उनकी पत्नी की संपत्ति उनकी ज्ञात आय से काफी अधिक है, जिसके बाद मामला एसीबी को सौंपा गया।
एसीबी की कार्रवाई में अब तक:
- दोनों के बैंक खातों और निवेश की जांच।
- रिश्तेदारों और दोस्तों के माध्यम से फंड ट्रांसफर की जांच।
- अज्ञात वित्तीय लेनदेन का विश्लेषण।
भ्रष्टाचार पर सरकार की सख्ती
हरियाणा सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर 'ज़ीरो टॉलरेंस नीति' अपनाई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।
सरकार द्वारा एसीबी को इन मामलों की जांच के लिए पूर्ण अधिकार दिए गए हैं और आगे भी ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने के संकेत दिए गए हैं।