हरियाणा में भाजपा नेताओं को चेयरमैनी के लिए करना होगा इंतजार, निकाय चुनाव के बाद मिलेगी जिम्मेदारी!



Haryana News: हरियाणा में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड और निगमों की चेयरमैनी के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। पार्टी नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों तक चेयरमैनी से जुड़ी नियुक्तियां होल्ड पर रहेंगी। इस फैसले के पीछे निकाय चुनाव में नेताओं की ग्राउंड परफॉर्मेंस को ध्यान में रखकर चेयरमैन नियुक्त करने की रणनीति है।

जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का मंथन

भाजपा नेतृत्व चेयरमैनी में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन साधने की रणनीति पर विचार कर रहा है। सिरसा, फतेहाबाद, नूंह, रोहतक, और झज्जर जैसे जिले, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, इन क्षेत्रों में वरिष्ठ नेताओं को एडजस्ट करने की योजना है। इसके अलावा, कुछ विधायकों को भी जातिगत समीकरण को मजबूत करने के उद्देश्य से चेयरमैनी दी जा सकती है।

तीन दर्जन पदों पर नियुक्ति संभव

हरियाणा सरकार बोर्ड-निगमों में चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन के 36 से अधिक पदों पर नियुक्ति कर सकती है। इसके अलावा, हरियाणा एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, टूरिज्म, कांफैड, हैफैड, शुगरफैड, वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन जैसे कई बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी के लिए नेताओं द्वारा लॉबिंग की जा रही है।

नए बोर्डों का गठन

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में समाज की विभिन्न जातियों के लिए नए बोर्ड बनाने का वादा किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा नए बोर्डों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इनकी संख्या लगभग दो दर्जन हो सकती है। इन नए बोर्डों में भी राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। अगर यह बोर्ड बनते हैं, तो 60 से अधिक नेताओं को एडजस्ट करने का रास्ता खुल सकता है।

भाजपा में वापसी की उम्मीद

लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर दूसरे दलों में जाने वाले नेताओं की वापसी की संभावना भी बढ़ गई है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि लौटने वाले नेताओं को फिलहाल संगठन या सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। उनकी भविष्य की परफॉर्मेंस के आधार पर ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।

निकाय चुनाव के बाद होगा फैसला

हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया ने कहा है कि फिलहाल पार्टी संगठन चुनाव और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में व्यस्त है। चेयरमैनी को लेकर कोई फैसला निकाय चुनावों के बाद ही लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में लौटने वाले नेताओं को संगठन या सरकार में फिलहाल कोई पद नहीं मिलेगा।

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