Weather Report 2025: कैसा रहेगा देशभर में मौसम? मानसून को लेकर क्या कहता विभाग, कितनी पड़ेगी सर्दी और गर्मी, जानें?

Weather Report 2025


Weather Report 2025 : साल 2025 की शुरुआत के साथ ही भारत में मौसम के अलग-अलग मिजाज देखने को मिल रहे हैं। भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में सालभर मौसम का स्वरूप बदलता रहता है। कहीं कड़कड़ाती सर्दी होती है, तो कहीं झुलसाती गर्मी। वहीं मानसून की बारिश हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग प्रभाव लेकर आती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और विशेषज्ञों ने इस साल के लिए मौसम का अनुमान जारी किया है, जिसमें 2025 के पूरे साल का मोटा-मोटी खाका तैयार किया गया है।


सर्दी का हाल (जनवरी-फरवरी)

साल की शुरुआत सर्दी के साथ हो रही है।

  • उत्तर भारत: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में जनवरी-फरवरी के महीने में ठंड का असर अधिक रहेगा। कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा। शीतलहर के कारण मैदानों में न्यूनतम तापमान 3°C तक गिरने की संभावना है।
  • पूर्वोत्तर भारत: पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, नागालैंड और मणिपुर में ठंडी हवाओं का प्रभाव रहेगा। हल्की बारिश भी हो सकती है।
  • दक्षिण भारत: तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में ठंड कम महसूस होगी। न्यूनतम तापमान 15-20°C के बीच रहने का अनुमान है।

बसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल)

मार्च और अप्रैल के महीनों में मौसम धीरे-धीरे गर्म होने लगेगा।

  • उत्तर भारत: इस दौरान उत्तर भारत में ठंड कम हो जाएगी और दिन के तापमान में वृद्धि होगी। दिल्ली और हरियाणा में अधिकतम तापमान 25-30°C तक पहुंच सकता है।
  • पश्चिम भारत: राजस्थान और गुजरात में गर्मी का असर अप्रैल के अंत तक महसूस होने लगेगा।
  • पूर्व भारत: पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में मौसम सुहाना रहेगा, लेकिन अप्रैल के अंत तक गर्मी बढ़ने लगेगी।
  • दक्षिण भारत: कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में हल्की गर्मी का अहसास होगा।

गर्मी का असर (मई-जून)

मई और जून भारत के अधिकांश हिस्सों में गर्मी के चरम महीने माने जाते हैं।

  • उत्तर भारत: राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लू (हीटवेव) चलने की संभावना है। तापमान 45°C तक जा सकता है।
  • पूर्वोत्तर भारत: गर्मी का असर यहां कम रहेगा। हालांकि, असम और मेघालय जैसे राज्यों में उमस बढ़ सकती है।
  • दक्षिण भारत: दक्षिण भारत में गर्मी के साथ प्री-मानसून बारिश का असर दिखेगा। केरल और कर्नाटक में जून के पहले सप्ताह से बारिश शुरू हो सकती है।
  • पश्चिम भारत: गुजरात और महाराष्ट्र में तेज गर्मी के साथ-साथ उमस का माहौल रहेगा।

मानसून (जून-सितंबर)

भारत का मानसून सीजन पूरी अर्थव्यवस्था के लिए अहम होता है। 2025 में मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।

  • उत्तर भारत: पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में मानसून की अच्छी बारिश होगी। जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में मानसून यहां पहुंचेगा।
  • दक्षिण भारत: केरल और कर्नाटक में मानसून की शुरुआत जून के पहले सप्ताह में होगी। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी अच्छी बारिश का अनुमान है।
  • पूर्वोत्तर भारत: पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश होगी, जिससे बाढ़ का खतरा बना रहेगा। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में जुलाई और अगस्त के महीने में बारिश चरम पर होगी।
  • पश्चिम भारत: महाराष्ट्र और गुजरात में मानसून की बारिश जून के अंत से शुरू होगी। मुंबई में भारी बारिश के कारण जलभराव की समस्या हो सकती है।
  • मध्य भारत: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है, जो खरीफ की फसलों के लिए लाभदायक होगी।

शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर)

अक्टूबर और नवंबर के महीने शरद ऋतु के नाम से जाने जाते हैं, जब मानसून विदा होता है।

  • उत्तर भारत: अक्टूबर में मानसून पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और मौसम सुहाना रहेगा। न्यूनतम तापमान 20°C तक गिर सकता है।
  • दक्षिण भारत: दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में चक्रवात का खतरा बढ़ सकता है। नवंबर के महीने में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत होगी।
  • पश्चिम और मध्य भारत: गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन नवंबर के अंत तक ठंडक महसूस होने लगेगी।
  • पूर्वोत्तर भारत: बारिश कम हो जाएगी, और मौसम सुहावना रहेगा।

सर्दी की वापसी (दिसंबर)

दिसंबर में सर्दी का मौसम फिर से लौट आएगा।

  • उत्तर भारत: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में ठंडी हवाओं के कारण ठंड का असर बढ़ेगा।
  • दक्षिण भारत: यहां ठंड का असर कम रहेगा, लेकिन दिसंबर के अंत तक तापमान थोड़ा कम हो सकता है।
  • पूर्वोत्तर भारत: सर्दी का प्रभाव हल्का रहेगा, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में ठंडक महसूस होगी।
  • पश्चिम भारत: गुजरात और महाराष्ट्र में ठंड का असर धीमे-धीमे बढ़ेगा।

विशेष ध्यान देने योग्य बातें

  1. बाढ़ और चक्रवात: मानसून के दौरान पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में बाढ़ और चक्रवात का खतरा रहेगा।
  2. लू का प्रभाव: मई और जून के महीनों में उत्तर और पश्चिम भारत में लू के कारण जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
  3. सर्दी और शीतलहर: सर्दी के दौरान उत्तर भारत में शीतलहर का असर देखने को मिलेगा।

साल 2025 का मौसम भारत में सामान्य रहेगा, लेकिन अलग-अलग हिस्सों में मौसमी बदलावों के कारण जीवन पर असर पड़ेगा। किसान, उद्योग और आम नागरिकों को मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार तैयारियां करनी चाहिए। भारतीय मौसम विभाग के नियमित अपडेट्स पर ध्यान देने से आप मौसम से जुड़ी चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकते हैं।

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