पंजाब: सुखबीर सिंह बादल पर फायरिंग, बाल-बाल बचे; हमलावर हिरासत में
अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर के पास एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ। घटना तब हुई जब वह स्वर्ण मंदिर में सेवा कर रहे थे। हालांकि, सुखबीर सिंह बादल इस हमले में पूरी तरह सुरक्षित रहे।
यह हमला अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर तब हुआ जब सुखबीर सिंह बादल अपनी धार्मिक सजा के तहत पहरेदारी कर रहे थे। अचानक एक व्यक्ति ने उन पर गोली चला दी। वहां मौजूद लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए हमलावर को तुरंत पकड़ लिया। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है और उसके पास से एक पिस्तौल भी बरामद की है।
हमलावर की पहचान
पुलिस की जांच में पता चला है कि हमलावर का नाम नारायण सिंह है और उसका संबंध दल खालसा से बताया जा रहा है। नारायण सिंह ने स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर यह हमला किया। घटना के समय वहां काफी भीड़ थी, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
धार्मिक सजा और सेवा कार्य
सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई धार्मिक सजा के कारण स्वर्ण मंदिर में सेवा कर रहे थे। यह सजा उनके और अकाली दल के नेताओं पर 2007 से 2017 तक की गई धार्मिक गलतियों के लिए दी गई है। सजा के तहत उन्हें:
- बर्तन धोने,
- पहरेदारी करने,
- सार्वजनिक शौचालयों की सफाई जैसे कार्य करने का आदेश दिया गया था।
इस सेवा के दौरान ही यह घटना हुई।
सुरक्षा के सख्त इंतजाम
हमले के तुरंत बाद, सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। पुलिस इस घटना की विस्तृत जांच कर रही है, और नारायण सिंह से पूछताछ की जा रही है कि इस हमले के पीछे की मंशा क्या थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
सुखबीर सिंह बादल पर हुए इस हमले ने पंजाब में राजनीतिक हलचल मचा दी है। कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और सुखबीर बादल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।
यह घटना पंजाब की राजनीतिक और धार्मिक स्थितियों के बीच तनाव को दर्शाती है। सुखबीर सिंह बादल का बाल-बाल बचना राहत की बात है, लेकिन यह घटना सुरक्षा प्रबंधों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
पंजाब पुलिस के आगे चुनौती यह है कि इस मामले की गहराई से जांच कर हमले के पीछे की सच्चाई उजागर करे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे।