हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री, तिहाड़ के सबसे बुजुर्ग कैदी, अपनों ने दगा किया से लेकर कैसी है ओम प्रकाश चौटाला की कहानी
हरियाणा और देश की राजनीति में एक बड़ा नाम, ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। चौटाला का नाम प्रदेश की राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ गया है। किसान राजनीति के दम पर उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया, लेकिन उनके जीवन में विवादों की छाया भी बनी रही। उन्हें तिहाड़ जेल के सबसे बुजुर्ग कैदी होने का अनचाहा रिकॉर्ड भी अपने नाम करना पड़ा।
राजनीतिक सफर और उपलब्धियां
ओम प्रकाश चौटाला ने 1989 से 2005 तक पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, वह केवल एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर सके। चौटाला ने किसानों और जाट समुदाय के मुद्दों को प्राथमिकता दी और ग्रामीण समाज की एक मुखर आवाज बने। हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय, जिसकी आबादी 27% है और जो मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, को सशक्त बनाने में उनका बड़ा योगदान माना जाता है।
विवाद और कानूनी मामलों का साया
चौटाला के राजनीतिक करियर पर सबसे बड़ा दाग शिक्षक भर्ती घोटाला (जेबीटी घोटाला) रहा। इस मामले में उन्हें और उनके बेटे अजय चौटाला को 2013 में तिहाड़ जेल में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। उन पर 3,000 शिक्षकों की अवैध भर्ती का आरोप था। जेल में रहते हुए चौटाला सबसे उम्रदराज कैदी थे।
इसके अलावा, 2022 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी उन्हें दोषी ठहराया गया। अदालत ने उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और चार साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगस्त 2022 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया।
राजनीतिक परिवार और विभाजन
ओम प्रकाश चौटाला देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवी लाल के बेटे थे। उनके राजनीतिक परिवार को शिक्षक भर्ती घोटाले ने बड़ा झटका दिया। 2019 में उनके पोते दुष्यंत चौटाला ने परिवार से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन किया, जिससे इनेलो का विभाजन हो गया।
समर्थकों का समर्थन और विवाद
2013 में जब चौटाला को सजा सुनाई गई, तो उनके करीब 4,000 समर्थक अदालत के बाहर इकट्ठा हो गए। इन समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें पत्थरबाजी और पेट्रोल बम तक का इस्तेमाल हुआ। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
पारिवारिक जीवन
चौटाला अपने पीछे तीन बेटियां और दो बेटे—अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला—छोड़ गए हैं। उनका राजनीतिक परिवार आज भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय है।
ओम प्रकाश चौटाला की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनका नाम हरियाणा की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।