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लालचंद गोदारा की ऐतिहासिक उपलब्धि: 83 वर्ष की उम्र में 3 गोल्ड मेडल जीतकर सिरसा का नाम रोशन किया

lal chand godara


सिरसा: जिले के 83 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक लालचंद गोदारा ने हाल ही में आयोजित 33वीं हरियाणा मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल जीतकर सिरसा जिले का नाम गर्व से ऊंचा किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सिरसा के वरिष्ठ नागरिकों और युवा खिलाड़ियों ने उन्हें बधाई दी है और उनकी मेहनत व समर्पण को सराहा है।

33वीं हरियाणा मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आयोजन

इस चैम्पियनशिप का आयोजन हरियाणा मास्टर एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा चंडीगढ़ के सेक्टर 7 स्थित स्टेडियम में किया गया था। प्रतियोगिता में प्रदेश भर के सैकड़ों खिलाड़ी अलग-अलग आयु वर्ग में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए थे। लालचंद गोदारा ने इस प्रतियोगिता के 80+ आयु वर्ग में भाग लिया और तीन इवेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया, जो न केवल उनकी मेहनत का परिणाम था बल्कि उनकी अद्वितीय फिटनेस और आत्मविश्वास का भी प्रतीक था।

गोल्ड मेडल की ऐतिहासिक जीत

लालचंद गोदारा ने शॉटपुट, डिस्कस थ्रो, और 100 मीटर दौड़ में भाग लिया और सभी तीन इवेंट्स में प्रथम स्थान हासिल किया। उनके द्वारा किए गए प्रयास और परिणाम ने न केवल उनकी उम्र को पीछे छोड़ दिया, बल्कि यह साबित कर दिया कि निरंतर अभ्यास और मेहनत से उम्र कभी भी किसी की बाधा नहीं बन सकती।

  1. शॉटपुट: गोदारा ने इस इवेंट में 6.90 मीटर की दूरी तक गोला फेंककर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
  2. डिस्कस थ्रो: उन्होंने डिस्कस थ्रो में 16.58 मीटर की थ्रो की और पहले स्थान पर रहे।
  3. 100 मीटर दौड़: गोदारा ने 100 मीटर की दौड़ केवल 17.6 सेकंड में पूरी की, और इसमें भी प्रथम स्थान हासिल किया।

इन तीनों इवेंट्स में उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया, जो उनके अद्वितीय शारीरिक और मानसिक सामर्थ्य को दर्शाता है।

लालचंद गोदारा की जीवन यात्रा और योगदान

लालचंद गोदारा की यह उपलब्धि केवल खेलों में ही नहीं, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनके योगदान को उजागर करती है। वे सिरसा जिले में वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, और इसके माध्यम से वे नशा मुक्ति अभियान, स्वच्छता अभियान और युवाओं को खेलों के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और समर्पण ने न केवल समाज को प्रेरित किया, बल्कि उन्होंने हमेशा यह साबित किया कि उम्र केवल एक संख्या है, और इच्छाशक्ति और मेहनत से कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

शिक्षा में भी हैं आगे

लालचंद गोदारा केवल खेलों में ही नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बीए की डिग्री प्राप्त की और अब वे मास्टर डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। यह उनके जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्मविकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

हरियाणा सरकार द्वारा सम्मान

लालचंद गोदारा की इन शानदार उपलब्धियों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उनकी जीवनभर की मेहनत और समाज के प्रति उनके योगदान को सराहने का प्रतीक है।

लालचंद गोदारा का यह कार्य न केवल सिरसा जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि उम्र केवल एक संख्या है, और जीवन में कोई भी काम कभी भी शुरू किया जा सकता है। उनके खेल, शिक्षा, और समाज सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बना दिया है। उनके इस अद्वितीय साहस और संघर्ष की कहानी न केवल बुजुर्गों बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणादायक है।

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